नयी दिल्ली/मुजफ्फरपुर : बिहार के मुज्जफरपुर में दिमागी/चमकी बुखार के शिकार हो रहे बच्चों के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आठ एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस भेजी है. स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने जी मीडिया से खास बातचीत में बताया कि बच्चों को बचाने के साथ-साथ सरकार ये भी रिसर्च कर रही है कि एक्यूट एंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के पीछे वजह क्या है. इससे इस बीमारी को जड़ से खत्म करने की दिशा में काम किया जा सके. 


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मुज्जफरपुर में घरों में जा जाकर स्क्रीनिंग की जा रही है. दिल्ली के एम्स और दूसरे अस्पतालों से 15 डॉक्टरों की टीम और वायरस का पता लगाने के लिए रिसर्चर भी भेजे गए हैं.


स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक, सबसे बड़ी चुनौती यह पता लगाना कि बीमारी किस वजह से फैल रही है. लीची का सेवन, मच्छर से वायरस का फैलना और कुपोषण इन सभी वजहों पर बारीकी से नजर रखी जा रही है. स्वास्थ्य मंत्री ने मीडिया से भी अपील की कि रिपोर्टिंग में संवेदनशीलता बरतें और बच्चों की जान बचाने में लगे डॉक्टरों को काम करने दें.


ज्ञात हो कि बिहार के मुजफ्फरपुर और उसके आसपास के अन्य जिलों में एईएस/जेई के बढ़ते हुए मामलों से उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने प्रभावितों जिलों में आठ उन्नत जीवन रक्षक एंबुलेंस (एएलएस) तैनात करने के निर्देश दिए हैं.


राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत गंभीर रोगियों को लाने-ले जाने के लिए आठ अतिरिक्त उन्नत जीवन रक्षक एंबुलेंस सेवा में तैनात की गई हैं. 10 बाल रोग विशेषज्ञों और पांच पैरा-मेडिक्स की केंद्रीय टीमों को मरीजों के इलाज के लिए तैनात किया गया है और इन टीमों ने राज्य सरकार के साथ तालमेल करते हुए काम करना शुरू कर दिया है.