बांग्लादेश में हिंसा का मुख्य कारण आरक्षण व्यवस्था है. सरकारी नौकरियों में 56% आरक्षण है, जिसमें 30% आरक्षण स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों को मिलता है. प्रदर्शनकारी छात्र इस आरक्षण का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उनका मानना है कि इससे योग्य युवाओं को नौकरियां नहीं मिल रही हैं. सरकार ने अधिकांश कोटा वापस ले लिया है, लेकिन अब प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. बांग्लादेश में हालात बेहद गंभीर होते जा रहे हैं. 4 अगस्त को हुई हिंसा में लगभग 100 लोगों की मौत हो गई है, जिसमें एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी और कई पत्रकार शामिल हैं. राजधानी ढाका सहित देश के कई हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं और अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाया गया है. संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी बांग्लादेश में जारी हिंसा पर चिंता व्यक्त की है.