बिहार की राजनीति में जातीय जनगणना एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सबसे पहले इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया, लेकिन अब यह राष्ट्रीय राजनीति का केंद्र बन गया है. कांग्रेस ने इसे अपने एजेंडे में शामिल कर लिया है, जबकि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता लालू यादव और तेजस्वी यादव ने इस मांग को लेकर आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है. बिहार की इस पहल ने पूरे देश की राजनीति को हिला दिया है. वहीं आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर ने जातिगत जनगणना पर एक बड़ा बयान दिया है. आरएसएस के वरिष्ठ नेता सुनील अंबेकर ने जातिगत जनगणना पर बात करते हुए कहा, "हमारे हिंदू समाज में जाति और जातिगत संबंध एक संवेदनशील मुद्दा है. यह हमारी राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. इसलिए इसे चुनाव या राजनीति के लिए नहीं, बल्कि गंभीरता से लिया जाना चाहिए."