बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने अपने सरकारी आवास पर शिक्षक अभ्यर्थी अदालत का आयोजन किया, जिसमें बड़ी संख्या में अभ्यर्थी अपनी शिकायतें लेकर शामिल हुए. इस दौरान जीतन राम मांझी और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री संतोष सुमन ने अभ्यर्थियों की शिकायतें सुनीं. इस दौरान जीतन राम मांझी ने बयान देते हुए कहा कि बिहार सरकार हमारे दरबार में आने वाले अभ्यर्थियों को परीक्षा से वंचित कर रही है. जीतन राम मांझी ने नियुक्ति पत्र देने पर सवाल उठाया और कहा कि एनडीए के लोग काम करने में विश्वास रखते हैं, महागठबंधन के लोग बिना काम किये प्रचार करते हैं. कई बच्चे क्वालिफाई हो गए लेकिन उन्हें नौकरी नहीं दी गई, दिव्यांगों का कहना है कि उनकी सीटें भी खाली हैं. दिव्यांगों और हमारी पार्टी की मांग है कि उनके लिए भी आरक्षण होना चाहिए. पैसे लेकर बाहरी लोगों को नौकरी दी जा रही है.