पटना: बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं. इससे पहले सभी राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली है. आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी अपने परवान चढ़ चुका है. एक तरफ जहां बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) 'बेरोजगारी हटाओ यात्रा' (Berojgari Hatao Yatra) निकाल रहे हैं तो वहीं, रविवार को जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने भी अपना चुनावी शंखनाद फूंक दिया.


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दरअसल, रविवार को जेडीयू मुखिया और राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का जन्मदिन है. इस मौके पर जेडीयू ने पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान पर एक 'कार्यकर्ता सम्मेलन' आयोजन किया. इस दौरान सीएम नीतीश कुमार ने अपनी सरकार की तमाम योजनाओं का जिक्र किया और कहा कि इस बार भी राज्य में चुनाव विकास के नाम पर ही लड़ा जाएगा.


वहीं, सीएम ने एक बार फिर साफ कर दिया कि जेडीयू एनडीए (NDA) के साथ मिलकर ही विधानसभा चुनाव लड़ेगी. नीतीश कुमार ने कहा, 'हम एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के साथ बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे और 200 से अधिक सीटें जीतेंगे.'



उन्होंने आगे कहा, 'जहां तक एनपीआर (राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर) का सवाल है, यह 2010 के प्रारूप के आधार पर होगा और हमने राज्य विधानसभा में प्रस्ताव भी पारित किया है.'



गौरतलब है कि बीते दिनों बिहार विधानसभा में एनपीआर (NPR) और एनआरसी (NRC) को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया था. इसमें कहा गया था कि राज्य में एनपीआर बिना किसी बदलाव के 2010 के मुताबिक लागू होगा, जबकि एनआरसी लागू नहीं किया जाएगा.


इसके बाद से ये खबरे सामने आने लगी थी कि बीजेपी (BJP) और जेडीयू में इसको लेकर मतभेद है. इसमें, बिहार सरकार में मंत्री प्रेम कुमार का वह बयान भी शामिल है, जिसमें उन्होंने कहा कि अचानक विधानसभा में इस तरह का प्रस्ताव आना आश्चर्यचकित करता है. जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) एनआरसी पर पहले ही सब कुछ साफ कर चुके हैं.