सरकार की इस योजना का उद्देश्य कृषि उत्पादों पर किसानों को अधिक से अधिक मुनाफा दिलाने का है.
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पटना : बिहार में अब जलवायु अनुकूल खेती (Farming) की जाएगी. कृषि विभाग ने इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर ली है. पहले चरण में इसके लिए आठ जिलों के 40 गांवों का चयन किया गया है. कृषि विभाग के सचिव एन श्रवण कुमार ने मंगलवार को बताया कि आठ जिलों के 40 गांव जलवायु अनुकूल कृषि के लिए मॉडल बनेंगे. इनमें मधुबनी, खगड़िया, भागलपुर, बांका, मुंगेर (Munger), गया, नवादा और नालंदा के पांच-पांच गांव शामिल हैं.
उन्होंने बताया कि इसके तहत फसल चक्र में उन अनाजों को बोया जाएगा, जिसमें किसानों को अधिक वर्षा का इंतजार नहीं करना पड़े. उन्होंने कहा कि इस खेती से विपरीत परिस्थितियों में भी किसान खेती करने में सक्षम हो सकेंगे. स्थानीय क्षेत्रों में कौन-कौन सी फसल की खेती होनी चाहिए, इसकी जानकारी भी किसानों को दी जाएगी. इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्रों में प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी.
उन्होंने कहा कि इन गांवों में कृषि उत्पादन बढ़ने के बाद अन्य नौ जिलों में अपनाने की योजना है.
कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया, "जलवायु परिवर्तन के अनुकूल बोरलग इंस्टीट्यूट फॉर साउथ एशिया, डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, बिहार कृषि विश्वविद्यालय और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के द्वारा तैयार किए गए नए फसल चक्र व कृषि तकनीक को विकसित किया गया है."
सरकार की इस योजना का उद्देश्य कृषि उत्पादों पर किसानों को अधिक से अधिक मुनाफा दिलाने का है. कृषि रोड मैप के तहत जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम के लिए वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक अगले पांच वर्षो में 60.65 करोड़ रुपये खर्च होंगे. पहले साल वर्तमान वित्तीय वर्ष में 13.93 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.