Independence Day: 78वें स्वतंत्रता दिवस पर न्याय मांग रहा बिहार, मैरीटाइम यूनिवर्सिटी कोलकाता हत्याकांड में CM और PM से लगाई गुहार
Bagha News: देश आज 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है, लेकिन पश्चिम बंगाल में हुए डबल मर्डर मामले में आज बिहार इंसाफ मांग रहा है. मृत मेधावी छात्रों के परिजन सरकार से पहल कर उन्हें न्याय दिलाने की गुहार लगा रहे हैं.
बगहाः Bagha News: देश आज 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है, लेकिन पश्चिम बंगाल में हुए डबल मर्डर मामले में आज बिहार इंसाफ मांग रहा है. मृत मेधावी छात्रों के परिजन सरकार से पहल कर उन्हें न्याय दिलाने की गुहार लगा रहे हैं, क्योंकि अब अंशु व अनिमेष ये दो बिहारी लाल जिन्दा नहीं हैं, लेकिन उनकी आत्मा भटक रही है और कोलकाता की तारातल्ला थाना पुलिस की कार्रवाई पर परिजनों ने सवाल खड़े किये हैं. लिहाजा पीड़ित परिवार ने मामले में सरकार से हस्तक्षेप कर घटना की उच्च स्तरीय जांच करवाकर उन्हें न्याय दिलाने की मांग की है.
इधर रामनगर की बीजेपी विधायक पद्मश्री भागीरथी देवी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से न्याय दिलवाने की अपील किया है. ताकि फिर किसी बिहारी छात्र के साथ ऐसी वारदात न हो. हालांकि इसके लिए विधायक ने सदन में भी आवाज उठाई है. दूसरी ओर इस मामले में केंद्रीय मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में ममता की सरकार महज मुखौटा है. वहां गुंडों का राज है, जब लोकल लोग महफूज नहीं हैं तो वहां बिहारी और बाहरी कैसे सुरक्षित रहेंगे.
दरअसल, इंडियन मैरीटाइम यूनिवर्सिटी कोलकाता में बिहार के इन दो मेधावी छात्रों अंशु कुमार श्रीवास्तव और अनिमेष राज की हत्या कर शव को कैंप्स स्थित पोखर में फेंक दिया गया था, घटना 5 मई 2017 की है. जब रामनगर निवासी अंशु और पटना निवासी अनिमेष के दोस्तों ने साजिश कर उन्हें हॉस्टल से बाहर बुलाकर तालाब किनारे लें गए, फिर उनके साथ बुरी तरह मारपीट की. बाद में उन्हें मौत के घाट उतारकर आरोपियों ने खुद तरातल्ला थाने की पुलिस को घटना की सूचना दी थी. घटना की सूचना पर पश्चिम बंगाल पहुंचे परिजनों ने 6 मई को अंशु व अनिमेष के साथियों द्वारा मारपीट कर तालाब में डुबोकर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया. लेकिन अनुसंधान में पुलिस ने लीपापोती कर कॉलेज प्रबंधन के प्रभाव में आकर साक्ष्य जुटाने के बजाए साक्ष्य मिटा दिया है. यहां तक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी गड़बड़ कर दिये जाने का आरोप लगा है.
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शीर्ष स्थान हासिल किया था. जिसको लेकर यूनिवर्सिटी द्वारा दोनों बिहारी छात्रों को 50-50 हजार के रीवार्ड भी मिले थे. जिसका मलाल बंगाली छात्रों के साथ साथ इनके दोस्तों को था. यहीं वजह है कि इनके साथियों ने धोखे
बताया जा रहा है कि बिहार के पश्चिम चम्पारण जिला अंतर्गत रामनगर निवासी अंशु कुमार श्रीवास्तव और राजधानी पटना निवासी अनिमेष कुमार राज ने उस वक्त मैरिन इंजीनियरिंग के सेमेस्टर 3 में अव्वल नंबर से से बुलाकर पहले मारपीट किया फिर तालाब में डुबो दिया और बड़ी हीं चालाकी से पुलिस बुला दीं.
उस वक्त इनके पर्स और मोबाइल फोन हॉस्टल स्थित कमरे से रुमेट ने परिजनों को दिया था. हैरत की बात ये है कि कोलकाता की तरातल्ला पुलिस ने न तो उनके यूनिफार्म की कोई सीजर लिस्ट बनाई और ना ही पर्स व मोबाइल जब्त किया गया. सीडीआर खंगालने की तो कोई बात ही नहीं हुईं. हालांकि कांड संख्या 83/2017 आईपीसी की धारा 302, 34 में साजिश कर हुईं हत्या का केस दर्ज तो कर लिया गया लेकिन अनुसन्धान में भारी गड़बड़ी कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है. लिहाजा पीड़ित परिवार न्याय के लिए दर बदर भटक रहा है.
बता दें कि घटना के वक्त पहुंचे परिजनों को जब अंशु व अनिमेष के साथियों ने उनके डेड मोबाइल फोन और पर्स थमाए तभी परिजनों को शक हुआ और इसी को लेकर नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया. इतना हीं नहीं मृतक अंशु के शरीर पर कई जख्म के निशान और काले धब्बे व कटे हुए निशान के साथ-साथ उसके नाक से निकल रहे खून को लेकर परिजनों ने उनके साथ मारपीट के बाद तालाब में डुबोकर हत्या करने के आरोप लगाए थे. बावजूद इसके कांड के अनुसंधान में पुलिस ने भेदभाव कर कॉलेज व हॉस्टल प्रशासन के प्रभाव में आकर मामले को खत्म करने में जुटा है.
मृतक के परिजनों का कहना है कि फिर कोई बिहारी छात्र ऐसी किसी घटना का शिकार न हों लिहाजा सरकार इस मामले में पहल कर उन्हें इंसाफ दिलाए ताकि मृत आत्मा को शांति मिले.
इनपुट- इमरान अजीज