Bihar Flood: बाढ़ पीड़ितों के बीच पहुंचे रूपेश पांडेय, बांटी राहत सामग्री, आर्थिक रूप से भी की मदद

Flood In Bihar: नेपाल में लगातार बारिश होने की वजह से पड़ोसी देश नेपाल ने पानी छोड़ दिया है. पश्चिम चंपारण जिले के वाल्मीकिनगर बराज के सभी 36 फाटक उठा दिए गए हैं. जिससे बिहार के कई जिलों में बाढ़ आ गई है. बिहार की नदियों के पानी का जलस्तर काफी बढ़ गया है. गंगा नदी के बाद अब कोसी और गंडक नदी का पानी भी उफान पर हैं. आपदा प्रबंधन विभाग ने बिहार के 20 जिलों में बाढ़ को लेकर अलर्ट जारी किया है.

जी बिहार-झारखंड वेब टीम Mon, 30 Sep 2024-3:22 pm,
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20 जिलों में बाढ़ का अलर्ट

बिहार के 20 जिलों में बाढ़ को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. वो हैं बिहार का सुपौल, मधुबनी, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सारण, मुजफ्फरपुर समेत अन्य जिलों में बाढ़ से लोगों का हालत खराब है. 

 

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बाढ़ पीड़ितों की मदद

इसी बीच जिला प्रशासन के साथ-साथ अलग संगठन सामाजिक कार्यकर्ता बाढ़ पीड़ितों की मदद करने पहुंच रहे हैं. इसी क्रम में बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के निवासी रूपेश पांडेय भी बाढ़ पीड़ितों की मदद करने में जुटे हैं.

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बिजनेसमैन और सामाजिक कार्यकर्ता

महाराष्ट्र और हरियाणा में बैंकिंग के क्षेत्र में बड़ा नाम कमाने वाले जाने माने बिजनेसमैन और सामाजिक कार्यकर्ता रूपेश पांडेय इन दिनों महाराष्ट्र से अपने गृह राज्य बिहार पहुंचे हैं. रूपेश पांडेय के अनुसार जैसे ही उन्हें बिहार में बाढ़ से लोगों की परेशानी बढ़ने की खबर मिली वह मुंबई से पश्चिमी चंपारण के बगहा पहुंच गए. 

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रूपेश पांडेय

रूपेश पांडेय के अनुसार उन्होंने बगहा थाना क्षेत्र अंतर्गत रत्नमाला मालपुरवा गांव में बाढ़ पीड़ितों के बीच जाकर अनाज और अन्य सामान बंटवाया है. इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए रूपेश पांडेय के सहयोगी संजय भूषण ने बताया कि रूपेश जी पिछली बार भी बाढ़ के दौरान बगहा पहुंचे थे और लोगों को सहायता पहुंचाई थी. 

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बाढ़ की खबर

इस बार भी जैसे ही उन्हें बाढ़ की खबर मिली वह अपने राज्य पहुंच गए और बगहा थाना क्षेत्र अंतर्गत रत्नमाला मालपुरवा गांव में लोगों के बीच अनाज के साथ पैसे भी बांटे हैं. उन्होंने बताया कि रूपेश पांडेय जरूरत पड़ने आगे भी लोगों को सहायता करेंगे.

 

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वाल्मीकिनगर बराज

बता दें, पश्चिम चंपारण जिले के वाल्मीकिनगर बराज से शनिवार को 4 लाख 74 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे दियारा क्षेत्र के 2 दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. बराज के सभी 36 फाटक उठा दिए गए हैं. वहीं, पश्चिमी चंपारण के अलावा में बिहार के 20 जिलों में बाढ़ से लोगों की परेशानी बढ़ गई है.

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