बिहार: गांधी सेतु का पश्चिमी लेन 31 जुलाई से शुरू होगा, नीतीश, गडकरी करेंगे उद्घाटन
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बिहार: गांधी सेतु का पश्चिमी लेन 31 जुलाई से शुरू होगा, नीतीश, गडकरी करेंगे उद्घाटन

पटना को उत्तर बिहार से जोड़ने वाले महात्मा गांधी सेतु के जीर्णोद्घार का काम पूरा हो गया है. 31 जुलाई को दोपहर बाद से इसके पश्चिमी हिस्से के दो लेन से गाड़ियां चलने लगेंगी. 

31 जुलाई को दोपहर बाद से इसके पश्चिमी हिस्से के दो लेन से गाड़ियां चलने लगेंगी. (फाइल फोटो)

पटना: पटना को उत्तर बिहार से जोड़ने वाले महात्मा गांधी सेतु के जीर्णोद्घार का काम पूरा हो गया है. 31 जुलाई को दोपहर बाद से इसके पश्चिमी हिस्से के दो लेन से गाड़ियां चलने लगेंगी. पुल का उद्घाटन पटना से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दिल्ली से केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी उसी दिन दोपहर में करेंगे. पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा कि पश्चिमी दो लेन के जीर्णोद्घार का काम पूरा हो चुका है.

उन्होंने बताया, "पटना में गंगा नदी पर महात्मा गांधी सेतु के पश्चिमी लेन पर 31 जुलाई को दोपहर बाद से वाहनों का परिचालन प्रारम्भ हो जाएगा. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी नई दिल्ली से और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए कार्यक्रम में शामिल होंगे."

यादव ने बताया कि उत्तर और दक्षिण बिहार की लाइफ लाइन माने जाने वाले गांधी सेतु के पुनरुद्घार का कार्य अब से तीन वर्ष पूर्व जुलाई 2017 में शुरू हुआ था. पश्चिमी दो लेन का जीर्णोद्घार का काम पूरा हो चुका है और बरसात के मौसम के बाद पूर्वी दो लेन के जीर्णोद्घार का कार्य प्रारम्भ किया जाएगा. चारों लेन के पुनरुद्घार की प्राक्कलित राशि 1742़ 01 करोड़ रुपये है.

आवागमन के लिए खोले जा रहे पश्चिमी दो लेन के अवसर पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी उपस्थित रहेंगे. इस पुल की डिजाइन लाइफ एक सौ वर्ष है.

यादव ने बताया कि सेतु के चारों लेन के पुनरुद्घार में कुल 66,360 मीट्रिक टन स्टील का उपयोग किया जाना है. पूर्वी दो लेन के जीर्णोद्घार लिए आवश्यक स्टील में से आधी मात्रा की खरीद की जा चुकी है. पूर्वी लेन का जीर्णोद्घार कार्य 18 माह में पूरा कर लिया जाएगा. आने वाले दिनों में पुल के चारों लेन पर गाड़ियां फर्राटे भरने लगेंगी और नागरिकों को बड़ी सुविधा होगी.

उन्होंने कहा कि शुरुआती दौर में विभिन्न प्रकार की अनापत्ति प्राप्त करने में समय लगा और यातायात प्रबंधन एक समस्या थी. सरकार ने उचित ट्रैफिक प्रबंध कर मात्र दो लेन से ही आवागमन का प्रबंध किया और दो लेन का पुनरुद्घार कार्य जारी रखा.