अगर महिला सशक्त है तो घर मे खुशहाली आती है. जमशेदपुर में हाल ही के दिनों में पार्किंग को लेकर नया टेंडर हुआ है. नए प्रक्रिया की शुरुआत के साथ साथ कुछ नया तरीका भी देखने को मिल रहा है.
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जमशेदपुर: महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है. फिर चाहे घर संभालने की बात ही या नौकरी करने की. अपने परिवार और बच्चों का बेहतर भविष्य बनाने के लिए वो हमेशा कोशिश करती हैं. अब झारखंड के जमशेदपुर में पार्किंग का कमान भी महिलाएं संभाल रही हैं.
कहा जाता है कि अगर महिला सशक्त है तो घर मे खुशहाली आती है. जमशेदपुर में हाल ही के दिनों में पार्किंग को लेकर नया टेंडर हुआ है. नए प्रक्रिया की शुरुआत के साथ साथ कुछ नया तरीका भी देखने को मिल रहा है.
साकची आमबगान में पांच महिलाएं पार्किंग संभाल रही है. ठेकेदारों ने इन महिलाओं को पार्किंग शुल्क वसूलने के लिए नौकरी पर रखा है. ये महिला लोगों से पार्किंग शुल्क लेती हैं और उन्हें पार्किंग के बारे में जानकारी भी देती हैं. सभी महिलाएं शादीशुदा हैं. ये सभी महिलाएं मंदी की मार के कारण पार्किंग में काम करने को मजबूर हैं.
ये सभी महिलाएं पहले आदियपुर के इंडस्ट्री में काम किया करती थी. लेकिन मंडी का दौर आया और कंपनिया बंद हो गई, इस लिए इन्होंने फैसला किया कि परिवार चलाने के लिए ये सभी पार्किंग वसूलने के काम करेंगी. ठेकेदार इन्हें रोज का 280 रुपये देता है और काम का समय सुबह 10 बजे से 5 बजे शाम तक का है. महिलाओं में इस काम को लेकर कुछ और ही जोश है तो ठेकेदार इन्हें काम पर रख महिला सशक्तिकरण पर जोर दे रहे हैं.
बहरहाल आदित्यपुर में कंपनिया बंद होने के कारण बेरोजगारी तो बड़ी है लेकिन इस मंदी को मत देकर इन पांचों महिलाओं एक उद्धरण पेश किया है कि चाहए कुछ भी हो अपने परिवार के लिए वो कुछ भी कर गुजरने की ताकत रखती है.