अरुण श्रीवास्तव, मुजफ्फरपुर : क्या आपने मुर्दे को जिंदा होते हुए कभी सुना है? शायद नहीं, लेकिन मुजफ्फरपुर में एक ऐसा ही वाक्या सामने आया है. यहां मुर्दा शख्स जिंदा होकर घर वापस आ गया. युवक के घर में श्राद्ध कर्म की तैयारी चल रही थी. घर में मातम पसरा हुआ था. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था. लेकिन कुछ ऐसा हुआ कि परिवार का गम खुशियों में तब्दील हो गया.


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मुजफ्फरपुर के मुशहरी थाने के बुधनगरा गांव के रहने वाले सेवानिवृत्त सैनिक रामसेवक का मंद बुद्धि बेटा संजू अचानक एक दिन घर से गायब हो गया. काफी खोजबीन के बाद भी जब उसका पता नहीं चला तो पुलिस को इसकी सूचना दी गई. इसके बाद तफ्तीश शुरु हुई.


इसी बीच थाना से फोन आया कि उनके बेटे की हुलिए जैसा शव मीनापुर थानाक्षेत्र में गंडक नदी के किनारे बरामद हुआ है. शव का चेहरा सड़ चूका था. परिजनों के द्वारा एसकेएमसीएच जाकर शव की पहचान की गई. आठ सितम्बर को शव को में गांव लाकर उसका दाह संस्कार कर दिया गया. इस बीच मंगलवार को एक ग्रामीण शहर जा रहे थे. कन्हौली के निकट उन्हें संजू नजर आया. उन्होंने परिजनों को इसकी सूचना दी. फिर उससे बात की.


संजू ने बताया कि वह कहीं भागवत कथा सुन रहा था. ग्रामीण उसे लेकर गांव बुधनगरा लौटे. वहीं, घर पर गमगीन माहौल के बीच तीसरे दिन तिराती के भोज की कारवाई चल रही थी. दूर प्रदेश से परिवार के सदस्य आ चुके थे. लोगों ने जब उसे देखा तो हतप्रभ रह गए. घर में खुशी की लहर छा गई.


वहीं, इस मामले की तफ्तीश कर रहे आईओ ने बताया कि गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद एफआईआर दर्ज हो गया. इसलिए अब गयाब युवक और उसके पिता का कानूनी प्रक्रिया के तहत कोर्ट में बयान दर्ज कराया जाएगा.


संजू की वापसी से उसके घर में खुशी का माहौल है, लेकिन इसके साथ ही इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. क्या पुलिस ने पूरे मामले में लापरवाही बरती है? जिस शख्स का अंतिम संस्कार किया गया वह कौन था? आखिर किस आधार पर परिवार ने संजू की शिनाख्त की? अब पुलिस उस शख्स की पहचान कैसे करेगी, जिसका दाह संस्कार किया गया? मृतक शख्स के परिजनों की तलाश कैसे होगी? न जाने ऐसे कितने सवाल हैं, जिनके जवाब अभी पुलिस को तलाशने होंगे.


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