Bilal Ahmed Taekwondo player: हमने आपको पहले भी कई बार बताया है कि कैसे जम्मू कश्मीर की स्थिति में अभूतपूर्व बदलाव आ रहा है. अब देशभर के लोग छुट्टियां मनाने के लिए कश्मीर जा रहे हैं और जम्मू कश्मीर के आम लोग अलग अलग क्षेत्रों में भारत का नेतृत्व करके देश की शान बढ़ा रहे हैं. हम आपको अपनी इस सीरीज के दूसरे भाग में आपको बिलाल अहमद के बारे में बताते हैं. वे थाईलैंड में होने वाले International Taekwondo Championship में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. Taekwondo खिलाड़ी बिलाल अहमद कश्मीर के बडगाम जिले के एक साधारण परिवार से आते हैं. छोटे से मकान में रहने वाले बिलाल अहमद (Bilal Ahmed) के लिए इस मुकाम तक पहुंचना आसान नहीं था.


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आतंकियों के बहकावे में नहीं आए बिलाल अहमद


उन्होंने स्कूल में पढ़ाई के दौरान ही Martial Art, Taekwondo की ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी थी. इस दौरान उन्हें परिवार का भी खूब समर्थन मिला और उनके कोच ने भी उनकी हिम्मत कम नहीं होने दी. जब आंतकवादी और कट्टरपंथी कश्मीर के युवाओं का Brainwash करके उन्हें पत्थरबाज बनने के लिए भड़का रहे थे, उस दौर में भी बिलाल अहमद (Bilal Ahmed) अपने उस सपने को पूरा करने के लिए मेहनत करते रहे. जिसमें वो खुद को भारत के लिए खेलते हुए देखना चाहते थे.



ताइक्वांडो की दे रहे मुफ्त कोचिंग


बिलाल अहमद ने अपने परिश्रम से इस मुकाम को हासिल किया. आज पूरा देश कश्मीर के इस हीरो के लिए तालियां बजा रहा है. बिलाल अहमद ने अपनी किस्मत तो बदली ही. साथ ही आज वो अपने क्षेत्र के युवाओं को Taekwondo की मुफ्त ट्रेनिंग देते हैं और चाहते हैं कि कश्मीर अंतरराष्ट्रीय पटल पर भारत के लिए किसी हीरे की तरह चमके.


बिलाल अहमद (Bilal Ahmed) के अलावा जम्मू के रहने वाले उमरान मलिक भी भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेल रहे हैं. ये सारी खबरें क्या बताती हैं. ये खबरें बताती हैं कि जम्मू कश्मीर में अब बदलाव आ रहा है. बदलाव की ये तस्वीरें आज पाकिस्तान और खासतौर पर आंतकवादियों को काफी चुभती हैं. 


कश्मीर में अब नहीं गल रही आतंकियों की दाल


आतंकवादी हमेशा से यही चाहते थे कि कश्मीर के लोग मुख्यधारा से अलग रहें और भारत के लोग कश्मीर आने से भी डरें. इसके लिए इन आतंकवादियों द्वारा कश्मीर में डर का माहौल बनाने की कोशिश की गई. और दूसरे राज्यों से आए मजदूरों और कश्मीरी पंडितों पर हमले भी किए गए.


लेकिन ये आतंकवादी अपने मकसद में कामयाब नहीं हुए. आज हमारे देश के युवा बिलाल अहमद (Bilal Ahmed) से ये भी सीख सकते हैं कि सफलता के मुकाम पर पहुंचने के लिए बड़ा मकान होना ज़रूरी नहीं है. बल्कि इसके लिए साहस और कभी ना खत्म होने वाले जुनून की जरूरत होती है.


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