गीता पढ़ना होगा अनिवार्य! लोकसभा में निजी बिल पेश
शैक्षिक संस्थाओं में नैतिक शिक्षा की पाठ्यपुस्तक के रूप में भगवद्गीता की अनिवार्य रूप से शिक्षा प्रदान किये जाने के प्रावधान वाले एक निजी विधेयक समेत 103 गैर-सरकारी विधेयक शुक्रवार को लोकसभा में पेश किये गये।
नई दिल्ली : शैक्षिक संस्थाओं में नैतिक शिक्षा की पाठ्यपुस्तक के रूप में भगवद्गीता की अनिवार्य रूप से शिक्षा प्रदान किये जाने के प्रावधान वाले एक निजी विधेयक समेत 103 गैर-सरकारी विधेयक शुक्रवार को लोकसभा में पेश किये गये।
सदन में शुक्रवार को गैर-सरकारी कामकाज के लिए समय निर्धारित होता है और आज इस दौरान 103 गैर-सरकारी विधेयक पेश किये गये। इनमें भाजपा सदस्य रमेश बिधूड़ी ने ‘शैक्षिक संस्थाओं में नैतिक शिक्षा पाठ्यक्रम के रूप में भगवद्गीता को अनिवार्य शिक्षण विधेयक, 2016’ पुन:स्थापित किया जिसमें प्रस्ताव है कि भगवद्गीता को पाठ्यक्रम में अनिवार्य शिक्षण के लिए शामिल किया जाए।
बिधूड़ी ने निजी विधेयक में बेरोजगार स्नातकोत्तरों को वित्तीय सहायता प्रदान करने तथा उससे जुड़े विषयों का उपबंध करने वाले विधेयक भी पेश किया। कांग्रेस के शशि थरूर ने भारत के परंपरागत ज्ञान का संरक्षण, परिरक्षण, संवर्धन और विकास से संबंधित विधेयक पेश किया।
भाजपा के प्रहलाद पटेल ने जनसंख्या नियंत्रण और उससे संबंधित विषयों का उपबंध करने वाले विधेयक को पेश किया। सत्तारूढ़ दल के ही गोपाल चिनय्या शेट्टी ने गौसंरक्षण के लिए एक प्राधिकरण और राज्यस्तर पर भी इस तरह के प्राधिकारों का गठन करने के प्रस्ताव वाला ‘गौ संरक्षण प्राधिकरण विधेयक, 2016’ पेश किया।
भाजपा के राजेंद्र अग्रवाल ने आतंकवाद के समर्थक देशों को चिहिनत करने और ऐसे राष्ट्रों के साथ व्यापार संबंधों को समाप्त करने के प्रावधान वाले निजी विधेयक को पेश किया। कांग्रेस की रंजीत रंजन ने विवाह समारोहों में अत्यधिक खर्च को रोककर सामान्य तरह से विवाह करने के साथ विवाह समारोहों में खाद्य वस्तुओं की बर्बादी का निवारण करने एवं उससे संबंधित विषयों का उपबंध करने वाले विधेयक को पेश किया।