Dehati Madam: देहाती मैडम सिखाती हैं गजब की इंग्लिश, Video देखने के लिए टूट पड़ते हैं करोड़ों लोग
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Dehati Madam: देहाती मैडम सिखाती हैं गजब की इंग्लिश, Video देखने के लिए टूट पड़ते हैं करोड़ों लोग

Trending Video: उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जिले के किसी गांव में रहने वाली यशोदा लोधी कभी सोच भी नहीं सकती थीं कि वह एक दिन इंटरनेट सेंशेसन बन जाएंगी. यशोदा को लोग प्यार से 'देहाती मैडम' बुलाते हैं. वह 12वीं तक पढ़ी-लिखी हैं और वह अब सोशल मीडिया की जानी-मानी शख्सियत हैं.

 

Dehati Madam: देहाती मैडम सिखाती हैं गजब की इंग्लिश, Video देखने के लिए टूट पड़ते हैं करोड़ों लोग

Dehati Madam Viral Video: उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जिले के किसी गांव में रहने वाली यशोदा लोधी कभी सोच भी नहीं सकती थीं कि वह एक दिन इंटरनेट सेंशेसन बन जाएंगी. यशोदा को लोग प्यार से 'देहाती मैडम' बुलाते हैं. वह 12वीं तक पढ़ी-लिखी हैं और वह अब सोशल मीडिया की जानी-मानी शख्सियत हैं. उनका अपना यूट्यूब चैनल है, जिसका नाम 'इंग्लिश विद देहाती मैडम' है.  जिसके 3 लाख 30 हजार सब्सक्राइबर हैं. वह गांव के लोगों को अंग्रेजी बोलने और आत्मविश्वास के साथ बात करने के लिए प्रेरित करती हैं. उन्होंने कई सारे वीडियो अपने अकाउंट पर शेयर किये हैं. एक वीडियो में तो वह विदेशी से भी बात करती हुई नजर आ रही हैं.

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यूपी के कौशांबी जिले में रहती हैं यशोदा

कौशांबी जिले के सिराथू कस्बे की रहने वाली यशोदा लोधी ने कहा, "देहाती कुछ नहीं कर सकता, ऐसी कोई बात नहीं है. सिर्फ गांव के लोग ही नहीं, अब तो मुझे विदेशों से भी और बड़े शहरों से भी लोगों के मैसेज आते हैं, जो ये कहते हैं कि आप उन्हें प्रेरित करती हैं. मैं एक देहाती हूं, और हां, मैं अंग्रेजी बोल सकती हूं, तो क्या आप बोल सकते हैं?" यशोदा का गांव की साधारण सी लड़की से सोशल मीडिया स्टार बनना आसान नहीं था.  उन्होंने एक ऐसी घटना बताई जिसने उन्हें अंग्रेजी सीखने के लिए प्रेरित किया.

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देखें वीडियो-

आखिर कैसे की इंग्लिश में शुरुआत

उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, "मैं 11वीं कक्षा में थी जब मेरी टीचर ने मुझे उठकर 'अपने बारे में' कुछ बताने के लिए कहा.  मेरे दिमाग में कुछ नहीं आया, जबकि बाकी बच्चे, जो शायद अंग्रेजी माध्यम से पढ़ते थे, आसानी से बताने लगे. क्लास के दूसरे बच्चों ने मुझे 'देहाती' कहकर चिढ़ाया. यह पहली बार था जब मैंने 'देहाती' शब्द सुना. क्या सिर्फ कपड़ों या बोलने के लहजे के आधार पर लोगों में भेद किया जा सकता है?  हम दोनों ही आखिर आजाद भारत में रहते हैं और हमारे अधिकार समान हैं. यह घटना मुझे बहुत अखरी और मैंने अंग्रेजी सीखने का फैसला किया."

यशोदा ने बताया कि यही से उनकी शुरुआत हुई. उन्होंने कहा, “मैंने कोशिश की कि जो भी चीज़ अंग्रेजी में लिखी हो उसे पढ़ूं. अक्सर रेडियो पर अंग्रेजी की खबरें सुनती थी और धीरे-धीरे मेरी अंग्रेजी बोलने की क्षमता बेहतर होती गई.”

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