माफी नहीं! दानिश पर संसद में जो कुछ कहा, भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने केवल जताया खेद
भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने अब अपने बयान पर खेद जताया है. पिछले सत्र में उन्होंने बसपा सांसद दानिश अली पर अमर्यादित टिप्पणी की थी. भाजपा और विपक्षी दल आमने सामने हो गए थे। समिति जांच कर रही है. अब तक बिधूड़ी के खिलाफ कोई ऐक्शन नहीं हुआ है.
Ramesh Bidhuri News: संसद में बसपा सांसद दानिश अली के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर अब भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने खेद जताया है. सूत्रों के मुताबिक उन्होंने संसदीय समिति से आज कहा कि राजनाथ सिंह ने उनकी टिप्पणी के लिए खेद प्रकट किया है, मुझे भी इस पर खेद है. दरअसल, रमेश बिधूड़ी ने जो कुछ कहा था उस पर विपक्ष हमलावर हो गया था. बिधूड़ी पर कार्रवाई की मांग हो रही थी लेकिन भाजपा के कुछ सदस्यों ने दानिश पर ही सवाल खड़े करने शुरू कर दिए. बाद में बिधूड़ी को राजस्थान चुनाव में अहम जिम्मेदारी दे दी गई तो विपक्षी दलों का विरोध बढ़ गया. कुछ दिन पहले शीतकालीन सत्र शुरू होने पर दानिश अली तख्ती लटकाकर संसद पहुंच गए थे. सदन की गरिमा की बात करते हुए उन्होंने बिधूड़ी पर कार्रवाई की मांग की थी. बिधूड़ी ने माफी तो नहीं मांगी, हां खेद जरूर जताया है.
आज समिति ने किया था तलब
लोकसभा की विशेषाधिकार समिति ने दानिश अली के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी को आज यानी सात दिसंबर को तलब किया था. समिति ने आज ही मौखिक साक्ष्य देने के लिए दानिश अली को भी बुलाया था. 4 दिसंबर को बसपा सांसद दानिश अली के प्लेकार्ड पहन कर आने पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला नाराज हो गए थे. उन्होंने बसपा सांसद को तुरंत सदन से निकल जाने को कहा था लेकिन दानिश अली लगातार खड़े होकर लोकतंत्र को बचाने के लिए भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करते रहे. बिरला ने तब सदन की कार्रवाई को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया था.
दानिश ने कहा था, फुटेज निकलवाएं
इससे पहले बसपा सांसद दानिश अली ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर दावा किया था कि भाजपा के सदस्य रमेश बिधूड़ी की ‘आपत्तिजनक’ टिप्पणी के मामले में उन्हें आरोपी बनाने का प्रयास हो रहा है, जबकि वह पीड़ित हैं. उन्होंने बिरला से आग्रह भी किया कि वह 21 सितंबर की लोकसभा कार्यवाही का वीडियो फुटेज निकलवाएं और उसे विशेषाधिकार समिति के सदस्यों के बीच प्रसारित करें ताकि ‘झूठ का पर्दाफाश हो सके और असली दोषी की पहचान कर मामले को स्पष्ट करने में मदद मिल सके.’ (स्रोत- भाषा)