त्रिपुरा की ऐतिहासिक जीत के साथ ही बीजेपी की अब 20 राज्‍यों में सरकारें हैं. इससे पहले दिसंबर में हुए गुजरात और हिमाचल चुनावों में भी पार्टी ने जीत हासिल की थी. वास्‍तव में 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद से जारी 'मोदी लहर' का जादू अभी भी थमा नहीं है. त्रिपुरा की जीत वैसे भी बीजेपी के लिए खासी अहमियत रखती है क्‍योंकि वहां पर पार्टी शून्‍य से सीधे शिखर पर पहुंची है. पिछले विधानसभा चुनाव में वहां बीजेपी को महज 1.5 प्रतिशत वोट मिले थे लेकिन इस बार रिकॉर्ड बनाते हुए 40 प्रतिशत से भी अधिक वोट हासिल करते हुए बीजेपी ने सत्‍ता हासिल की है. यह भी अपने आप में एक रिकॉर्ड ही है. संभवतया भारतीय चुनावी इतिहास में यह पहला ऐसा वाकया होगा जब वोट प्रतिशत के लिहाज से पार्टी को इतनी बड़ी कामयाबी मिली है.


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इतिहास की नई इबारत
बीजेपी की अब 20 राज्‍यों में सत्‍ता हो गई है. इसके साथ ही वह भारतीय चुनावी इतिहास में केंद्र के साथ इतने अधिक राज्‍यों में शासन करने वाली पहली पार्टी हो गई है. इससे पहले यह रुतबा कांग्रेस ने 24 साल पहले हासिल किया था जब उसके और गठबंधन साथियों के साथ उसके पास 18 राज्‍यों में सत्‍ता थी. उस वक्‍त कांग्रेस के पास 15 राज्‍य थे और एक राज्‍य में गठबंधन बनाकर उसने सत्‍ता हासिल की थी. इस‍के अलावा दो अन्‍य राज्‍यों में माकपा की सरकारें थीं. माकपा उस वक्‍त बाहर से कांग्रेस को समर्थ न दे रही थी. इस प्रकार कांग्रेस और उसके सहयोगियों की कुल 18 राज्‍यों में सत्‍ता थी. उसकी तुलना में अब बीजेपी और उसके सहयोगियों की मिलाकर 20 राज्‍यों में सत्‍ता है.


त्रिपुरा: पिछली बार मिले 1.5 प्रतिशत वोट, अबकी बार सत्‍ता की दहलीज तक BJP


उल्‍लेखनीय है कि 2014 लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी के नेतृत्‍व में एनडीए का शासन केवल गुजरात, राजस्‍थान, मध्‍य प्रदेश, छत्‍तीसगढ़ और नागालैंड में था. बीजेपी के 2014 में सत्‍ता में आने के बाद से पार्टी एक के बाद एक करके राज्‍य दर राज्‍य जीतती जा रही है.


राज्‍य दर राज्‍यों में फतह
उल्‍लेखनीय है कि 2014 लोकसभा चुनावों में फतह के साथ ही हुए सिक्किम चुनावों में बीजेपी की सहयोगी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) ने सत्‍ता हासिल की. उसी साल आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद हुए चुनावों में सहयोगी तेलुगु देसम ने जीत हासिल की. उसी साल के अंत में महाराष्‍ट्र की 288 सदस्‍यीय विधानसभा में बीजेपी ने 122 सीटें जीतीं. हरियाणा में भी पार्टी ने कामयाबी हासिल की. उसी साल झारखंड के बाद जम्‍मू-कश्‍मीर में पीडीपी के साथ बीजेपी ने सरकार बनाई.


त्रिपुरा: BJP ने दिया 'चलो पलटाई' का नारा, लेफ्ट की सत्‍ता गई पलट


2015 में बीजेपी, दिल्‍ली और बिहार चुनावों में हार गई लेकिन बाद में नीतीश कुमार ने महागठबंधन का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया. 2016 में असम में पहली बार बीजेपी की सरकार बनी. अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी के 47 सदस्‍यों ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी की सदस्‍यता ग्रहण कर ली. 2017 में यूपी और उत्‍तराखंड में बीजेपी को बड़ी कामयाबी मिली. गोवा और मणिपुर में कांग्रेस से कम सीटें होने के बावजूद बीजेपी सरकार बनाने में कामयाब हुई. दिसंबर 2017 में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भी बीजेपी ने जीत हासिल की.