कोऑपरेटिव बैंक घोटाला: बढ़ सकती हैं अजित पवार की मुश्किलें, FIR दर्ज करने के आदेश
इस आदेश के बाद शरद पवार के भतीजे और महाराष्ट्र के पूर्व डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि, राज्य सहकारी बैंक निदेशक बोर्ड की एक भी मीटिंग में मैं शामिल नहीं था.
महाराष्ट्र: महाराष्ट्र स्टेट को ऑपरेटिव बैंक घोटाले में बांबे हाई कोर्ट ने मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को राकांपा प्रमुख शरद पवार केे भतीजे व पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार और 70 अन्य के खिलाफ पांच दिन के भीतर एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया है. इस आदेश के बाद शरद पवार के भतीजे और महाराष्ट्र के पूर्व डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि, राज्य सहकारी बैंक निदेशक बोर्ड की एक भी मीटिंग में मैं शामिल नहीं था. अगर कोई अनियमितता हुई है तो दोषियों पर कार्रवाई होगी. कोर्ट ने क्या निर्णय दिया है उसकी पुरी जानकारी नही है.
इस बैंक के निदेशक बोर्ड पर 55 सदस्य थे. इस मामले में एफआईआर दाखिल करने का आदेश है. ऐसी खबर सुनने मे आई है. अभी तक मेरे वकील के पास मामले की कॉपी नहीं आई है. जबकि अदालत ने कहा कि इस मामले में पहली नजर में उनके खिलाफ विश्वसनीय सुबूत हैं.
गुरुवार को जस्टिस एससी धर्माधिकारी और जस्टिस एसके शिंदे की पीठ ने यह आदेश दिए. शरद पवार और अजित पवार के अलावा इस मामले के आरोपितों में राकांपा नेता जयंत पाटिल, कई अन्य राजनेता, सरकारी अधिकारी और राज्य के 34 जिलों के कोऑपरेटिव बैंक के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं. सभी आरोपित 2007 से 2011 के बीच एमएससीबी को कथित रूप से 1,000 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने में शामिल थे.
इनपुट: गजानन देशमुख