लखनऊ/मथुरा: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को मथुरा के वृन्दावन स्थित केशव धाम में चल रही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की समन्वय बैठक में शिरकत करेंगे. मुख्यमंत्री के साथ दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा भी इस बैठक में शामिल होंगे. इससे पहले शुक्रवार (1 सितंबर) देर रात भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की थी. गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी बैठक में शामिल होंगे. मुख्यमंत्री शनिवार को लखनऊ से 11 बजे हेलीकॉप्टर से वृन्दावन पहुंचेंगे. यहां वे आरएसएस की समन्वय बैठक में दो घंटे तक रहेंगे.


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मुख्यमंत्री करीब 1़2 बजे लखनऊ के लिए रवाना होंगे. मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. मुख्यमंत्री की सुरक्षा के लिए भारी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. इससे पहले शुक्रवार (1 सितंबर) को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और संगठन महामंत्री रामलाल ने भी इस बैठक में शिरकत की थी. बैठक में पाकिस्तान और चीन को आर्थिक रूप से कमजोर करने पर चर्चा हुई. समन्वय बैठक में संघ ने जीएसटी और नोटबंदी पर सरकार का समर्थन किया. हालांकि, संघ ने माना कि जीएसटी से छोटे व्यापारियों को नुकसान हुआ है. इसके अलावा समन्वय बैठक में 2019 के लोकसभा चुनावों को लेकर भी चर्चा हुई.


सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक के पहले दिन शुक्रवार को अमित शाह ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच केशवधाम में करीब आधे घंटे तक गहन मंत्रणा हुई. केंद्रीय मंत्रिमंडल से कई मंत्रियों के इस्तीफे के घटनाक्रम के बाद भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह का समन्वय बैठक में हिस्सा लेना काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह संघ प्रमुख को मंत्रिमंडल के विस्तार के बारे में जानकारी देंगे. संघ सूत्रों के अनुसार, रात करीब 10 बजे भोजन के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह संघ प्रमुख मोहन भागवत से मिलने उनके कक्ष में पहुंचे थे.


संघ ने केरल, बंगाल की हिंसा पर जताई चिंता; कश्मीर के हालात से निपटने के लिए मोदी की तारीफ


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहयोगी संगठनों की समन्वय बैठक में शुक्रवार (1 सितंबर) को जम्मू कश्मीर में आंतरिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दे पर चर्चा के साथ केरल और पश्चिम बंगाल कें संघ कार्यकर्ताओं पर हमलों पर भी बातचीत हुई. बैठक में कश्मीर घाटी की स्थिति से निपटने और पथराव को रोकने में मोदी सरकार के प्रयासों की सराहना की गई. संघ के सूत्रों ने यह जानकारी दी. संघ के पदाधिकारियों ने दोनों राज्यों में कथित रूप से संघ कार्यकर्ताओं पर निशाना साधकर की जाने वाली हिंसा विस्तार से विवरण दिया. केरल में हालात को विशेष तौर पर खतरनाक माना गया और बैठक में शामिल प्रतिनिधियों ने इसे ‘राज्य प्रायोजित’ हिंसा का मामला बताया.


इस बैठक में सरसंघचालक मोहन भागवत और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत कई प्रमुख नेताओं ने हिस्सा लिया. संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि तीन दिन चलने वाली बैठक में विभिन्न संगठनों के कामकाज पर चर्चा होगी और समीक्षा की जायेगी. यह पूछे जाने पर कि क्या राम मंदिर के विषय पर चर्चा होगी, उन्होंने कहा कि बैठक में विश्व हिन्दू परिषद भी हिस्सा ले रही है, ऐसे में वे राम मंदिर के विषय पर अपनी बात रख सकते हैं. पहले दिन बैठक को संघ के सर कार्यवाह भैयाजी जोशी और वरिष्ठ प्रचारक सुरेश सोनी ने संबोधित करते हुए संघ के कार्यों और इस बैठक के महत्व को रेखांकित किया.


सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी ने कहा, ‘हम सभी संगठन भारत की प्राचीन आध्यात्मिक विचारधारा को लेकर सामाजिक जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं. बदलते हुए विश्व परिदृश्य, देश की परिस्थिति और अपने संगठन की स्थिति का योग्य आकलन करते हुए हम सभी को अपने क्षेत्रों में आगे बढ़ना है.’ उन्होंने कहा, ‘किसी भी नए कार्य को करने में उसके समक्ष - उपेक्षा, विरोध और स्वीकार - यह तीन पड़ाव होते हैं. पहले दो पड़ाव पार कर हम समाज में स्वीकृति का अनुभव कर रहे हैं. लेकिन हम विश्व परिदृश्य, देश की वर्तमान स्थिति और अपने संगठन की सांगठनिक स्थिति का योग्य आकलन कर सकें तथा उसके लिए हम सभी में इसके लिए अपेक्षित समझ हो, इसलिए आने वाले तीन दिनों में अनेक विषयों पर चर्चा करेंगे.’


(इनपुट एजंसी से भी)