Rights Against Police: गुवाहाटी हाई कोर्ट (Gauhati High Court) ने बिना एफआईआर दर्ज किए गिरफ्तारी के मामले में असम पुलिस को फटकार लगाई है और कहा है कि गलतियों को छिपाने के लिए पोस्ट इन्वेस्टिगेशन एफआईआर दर्ज नहीं कर सकते हैं. कोर्ट ने बिलासीपुरा पुलिस द्वारा जांच के बाद प्राथमिकी दर्ज करने के मामले में कहा कि पहले गिरफ्तारी और फिर उसे सही साबित करने के लिए आपराधिक मामले में एफआईआर दर्ज करना अनुचित और मनमाना है. पहले भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि गिरफ्तारी को लेकर क्या नियम हैं और इसको लेकर आम लोगों के क्या अधिकार हैं?


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बिना कारण बताए गिरफ्तार नहीं कर सकती है पुलिस


आपको बता दें कि पुलिस किसी को भी बिना कारण बताए गिरफ्तार नहीं कर सकती है. पुलिस को इस बात का अधिकार नहीं है. अगर पुलिस किसी को गिरफ्तार करती है या थाने में बंद करती है तो उसे कानूनी प्रक्रिया अपनानी होती है और उसे कारण बताना होता है. अगर पुलिस ऐसा नहीं करती है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है. भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CRPC) की धारा 50 (1) के मुताबिक, पुलिस को गिरफ्तारी से पहले कारण बताना होगा.


क्या बिना FIR पुलिस कर सकती है गिरफ्तार?


पुलिस के पास बिना एफआईआर दर्ज किए किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार नहीं होता है. नियम के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति पुलिस को किसी अपराध की सूचना देता है तो पुलिस पहले जांच करती है और फिर एफआईआर दर्ज करती है और नामजद लोगों के खिलाफ सबूत मिलता है तब गिरफ्तारी करती है. हालांकि, अगर पुलिस अधिकारी को लगता है कि कोई व्यक्ति एक संज्ञेय अपराध में शामिल है और उसकी गिरफ्तारी के बिना अपराध रोका नहीं जा सकता है तो पुलिस उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकती है.


क्या बिना अरेस्ट वारंट के कर सकती है गिरफ्तार?


कुछ मामलों में पुलिस के पास बिना अरेस्ट वारंट (Arrest Warrant) के भी गिरफ्तारी का अधिकार होता है. इसमें संज्ञेय अपराध में शामिल व्यक्ति को पुलिस बिना अरेस्ट वारंट के गिरफ्ार कर सकती है. लेकिन, असंज्ञेय अपराधों में गिरफ्तारी के लिए पुलिस के पास एफआईआर और अरेस्ट वारंट होना जरूरी है. बता दें कि गंभीर प्रकृति के अपराधों के संज्ञेय श्रेणी में रखा गया है.


महिलाओं को है विशेष अधिकार


गिरफ्तारी के मामले में महिलाओं को विशेष अधिकार मिला हुआ है. सीआरपीसी की धारा 46 के अनुसार, किसी महिला को सिर्फ महिला पुलिसकर्मी ही गिरफ्तार कर सकती है. इसके अलावा महिलाओं को सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है.


(Disclaimer: सभी जानकारियां इंटरनेट पर उपलब्ध सूचनाओं के आधार पर दी गई हैं. किसी तरह की जानकारी के लिए वकील या लीगल एक्सपर्ट से संपर्क करें.)