Coronavirus Cases In India: कोरोना वायरस की बढ़ी रफ्तार से सब चिंता में हैं. कोरोना का ओमिक्रॉन वेरिएंट कई नए सब वेरिएंट में बदल गया और देखते ही देखते देश दुनिया में मामलों में वृद्धि होने लगी. इसी कड़ी में लगातार मामले सामने आ रहे हैं. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मामलों ने चिंता बढ़ा दी है. कोरोना के नए वेरिएंट जेएन-वन में वृद्धि जरूर देखी गई है लेकिन विशेषज्ञों ने कहा कि बहुत ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है. हालांकि उन्होंने चेतावनी दी है कि सतर्क रहने की जरूरत है. शुक्रवार को अपडेट किए गए INSACOG के आंकड़ों के अनुसार, देश में कुल 162 मामलों का पता चला है, जिनमें से केरल में सबसे अधिक 83 मामले और इसके बाद गुजरात में 34 मामले सामने आए हैं. कई राज्यों में मामलों की संख्या में इजाफा हुआ है. इसे जानने और सतर्क रहने की जरूरत है.


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अबतक कुल 162 मामले आए
असल में देश में कोरोना वायरस जेएन.1 के अबतक कुल 162 मामले आए हैं. इनमें भी केरल में सबसे अधिक 83 लोग इस उप स्वरूप से संक्रमित हैं, जबकि 34 मामलों के साथ गुजरात दूसरे स्थान पर है. आईएनसएसीओजी द्वारा शुक्रवार को जारी किए गए ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है. आंकड़ों के मुताबिक, कई राज्यों ने पिछले कुछ हफ्तों में कोविड के मामलों में वृद्धि की जानकारी दी है और नौ राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने अब तक वायरस के उप स्वरूप जेएन.1 से संक्रमण की पुष्टि की है. 


राज्यों की ये है स्थिति
आईएनसएसीओजी के मुताबिक, कोरोना वायरस के उप स्वरूप जेएन.1 से संक्रमण के केरल में 83, गुजरात में 34, गोवा में 18, कर्नाटक में आठ, महाराष्ट्र में सात, राजस्थान में पांच, तमिलनाडु में चार, तेलंगाना में दो और दिल्ली में एक मामले की पुष्टि हो चुकी है. आईएनसएसीओजी के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर में देश में 145 संक्रमितों के जेएन.1 से संक्रमित होने की पुष्टि हुई, जबकि नवंबर में ऐसे 17 मामले सामने आए थे. 


डब्ल्यूएचओ ने क्या कहा है
उधर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने जेएन.1 को इसके तेजी से प्रसार को देखते हुए ‘ विशेष निगरानी’ की श्रेणी में वर्गीकृत किया है, लेकिन कहा कि यह वैश्विक लोक स्वास्थ्य को ‘कम’ जोखिम पैदा करता है. केंद्र सरकार ने देश में कोविड के मामलों की संख्या में वृद्धि और जेएन.1 उप स्वरूप की उपस्थिति की पुष्टि होने के बीच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से निरंतर सतर्क रहने को कहा है.


नए साल के जश्न में सतर्क रहने की सलाह
वहीं कोरोना के मामलों के बीच विशेषज्ञों ने नए साल के जश्न में सतर्क रहने की सलाह दी है. डॉक्टरों का कहना है कि इस मौसम में फ्लू के मामले बढ़ते हैं. मौजूदा समय में अस्पताल में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी हुई है. अनुमान है कि हर परिवार में कोई न कोई खांसी, जुकाम, बुखार या फ्लू के लक्षण से परेशान है. यदि इस दौरान नए साल के जश्न के दौरान लापरवाही बढ़ती है तो कोरोना के मामले बढ़ सकते हैं. ऐसा होने पर गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीज, बुजुर्ग और बच्चों की समस्या बढ़ सकती है.