CBSE 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में बनना चाहते हैं रियल टॉपर तो अपनाएं ये टिप्स
टॉपर्स कैसे करते हैं स्ट्रेस मैनेजमेंट और परीक्षा से ठीक पहले की तैयारी? रियल टॉपर बनने के लिए `विनय कुमार झा` ने दिए ये स्पेशल टिप्स.
नई दिल्ली: हर साल मार्च और अप्रैल का महीना छात्रों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इसी महीने में बोर्ड की परीक्षा होती है. हर साल लाखों छात्र बोर्ड परीक्षा में शामिल होते हैं. इस साल CBSE 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा 5 मार्च से शुरू हो रही है. छात्रों के लिए ये वक्त बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि उनपर अच्छा स्कोर करने का दबाव होता है. पैरेंट्स और छात्र दोनों को खुद से बहुत ज्यादा उम्मीदें होती हैं, शायद इसी वजह है कि ज्यादातर छात्र दबाव महसूस करने लगते हैं. दबाव को सही तरीके से नहीं झेल पाने पर अच्छी तैयारी होने के बावजूद छात्र अच्छा स्कोर नहीं कर पाते हैं. इसलिए तैयारी के साथ-साथ स्ट्रेस मैनेजमेंट बहुत जरूरी है. आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि स्ट्रेस क्यों होता है, और कैसे स्ट्रेस पर काबू पाया जा सके?
स्ट्रेस मैनेजमेंट को लेकर हमने प्राइवेट स्कूल के शिक्षक 'विनय कुमार झा' से विशेष बातचीत की. उन्होंने इसके बारे में विस्तार से बताया और साथ में तैयारी को लेकर कुछ टिप्स भी दिए. 20 साल के लंबे अनुभव के आधार पर उन्होंने कहा कि अगर कोई छात्र अपने रिजल्ट से खुश है तो वह रियल टॉपर है. बोर्ड का टॉपर तो कोई एक छात्र होगा लेकिन रियल टॉपर वे सभी छात्र होंगे जो अपनी रिजल्ट से खुश होंगे. उन्होंने कुछ ऐसे टिप्स दिए जिन्हें ध्यान में रख कर सभी छात्र रियल टॉपर बन सकते हैं.
रिजल्ट के बारे में ना सोचें: उन्होंने कहा कि स्ट्रेस की सबसे बड़ी वजह होती है "छात्र तैयारी के दौरान ही रिजल्ट के बारे में सोचने लगते हैं." आप रिजल्ट के बारे में जितना सोचेंगे आपका स्ट्रेस बढ़ता चला जाएगा. अगर आप रिजल्ट के बारे में नहीं सोचेंगे और फोकस तैयारी पर रखेंगे तो आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और बेहतर परफॉर्म कर पाएंगे. स्ट्रेस फ्री होकर तैयारी करने से आपको एक चीज को बार-बार पढ़ने की जरूरत नहीं होगी.
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मानसिक रूप से मजबूत रहने की जरूरत
बोर्ड परीक्षा सिर्फ केवल ज्ञान की नहीं होती है बल्कि मेंटल स्ट्रेंथ की भी होती है. छात्र अगर मानसिक रूप से मजबूत नहीं हैं तो वे परीक्षा हॉल में नर्वस हो जाते हैं और उनकी तैयारी धरी की धरी रह जाती है. इसलिए आत्म विश्वास के साथ-साथ आत्म नियंत्रण भी बहुत जरूरी होता है. एक सर्वे के मुताबिक परीक्षा हॉल में 95 फीसदी छात्र नर्वस होते हैं. लेकिन, जो छात्र इसे कंट्रोल कर लेते हैं वे अच्छा स्कोर करते हैं. नर्वस होने के बाद आपका आत्मविश्वास डगमगा जाता है और आप सारी चीजों को भूल जाते हैं.
अन्य छात्रों से ना करें अपनी तुलना
'विनय कुमार झा' ने कहा कि कभी भी दूसरे छात्रों से खुद की तुलना नहीं करनी चाहिए. जब आप खुद की तुलना दूसरों से करने लगते हैं तो आप या तो आप ओवर कॉन्फिडेंट हो जाते हैं, या फिर आपका आत्मविश्वास डगमगा जाता है. इसलिए आपका फोकस केवल तैयारी पर होना चाहिए.
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सोमवार से परीक्षा शुरू हो रही है. ऐसे में कई छात्रों को अचानक से महसूस होने लगता है कि सिलेबस में पढ़ने के लिए बहुत कुछ बचा हुआ है लेकिन, तैयारी के लिए वक्त नहीं है. यह अमूमन सभी छात्रों के साथ होता है. इसलिए अब तैयारी को लेकर बिल्कुल भी ना सोचें. आपने जितनी तैयारी की है उसे रिवाइज करना ज्यादा जरूरी होता है. पहले उन टॉपिक को रिवाइज करें जो आपको आसान लगते हैं और परीक्षा के लिहाज से ज्यादा महत्वपूर्ण भी है.
'विनय कुमार झा' ने कहा कि अब छात्रों के लिए खुद को फ्रेश और स्ट्रेस फ्री रखना ज्यादा जरूरी है. अपनी तैयारी को लेकर सकारात्मक रहें. आज की रात जमकर सोएं ताकि कल सुबह आप मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहें. नींद पूरी होने पर यादाश्त मजबूत होगी और आप नर्वस नहीं होंगे. किसी भी वजह से छात्र अगर स्ट्रेस महसूस कर रहे हैं तो स्पोर्टिंग डिस्ट्रेस का सबसे असरदार तरीका है. एनर्जी लेवल बना रहे इसके लिए खानपान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. अब परीक्षा की तैयारी से ज्यादा मानसिक तैयारी ज्यादा जरूरी है.