Pegasus मामले की जांच करेगी एक्सपर्ट कमेटी, केंद्र ने खारिज किए जासूसी के आरोप
Pegasus Scandal Case: सरकार ने यह कदम ऐसे वक्त उठाया है, जब पेगासस जासूसी समेत कई मुद्दों को लेकर मानसून सत्र के दौरान केंद्र और विपक्ष के बीच लगातार गतिरोध जारी रहा और हंगामे की वजह से सदन का काम-काज सामान्य ढंग से कामकाज नहीं हो पाया.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में पेगासस (Pegasus) जासूसी मामले को लेकर जारी चर्चा और हंगामें के बीच सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में हलफनामा दायर किया है. दो पन्नों के इस हलफनामे के जरिए सरकार ने इस पर उठ रहे सवालों का जवाब दिया है. इस एफिडेविट में सरकार ने पत्रकारों, राजनेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और अदालत के कर्मचारियों की जासूसी करने के लिए सैन्य ग्रेड स्पाइवेयर का इस्तेमाल करने से साफ इनकार किया है
'आरोपों से इनकार'
कई अलग-अलग संगठनों ने इसको लेकर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पेश एसजी तुषार मेहता ने कहा कि संसद में भी आईटी मंत्री ने अपने बयान में साफ किया था कि ऐसे आरोप सरकार की छवि खराब करने के लिए लगाए जा रहे हैं. तुषार मेहता ने कहा कि हम सभी आरोपों को पूरी तरह से नकारते हैं और सरकार के खिलाफ गलत धारणा तैयार करने के लिए यह सब जानबूझकर किया जा रहा है.
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दुनियाभर की सुर्खियों में है मामला
पेगासस जासूसी का मुद्दा दुनिया भर के तमाम देशों में सुर्खियां बना हुआ है. फ्रांस समेत कई देशों ने इसकी जांच को लेकर आदेश दिए हैं. वहीं सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं के वकील कपिल सिब्बल ने हलफनामे पर आपत्ति जताते हुए कहा कि जब सरकार याचिकाओं के तथ्यों पर जवाब नहीं दे रही तो आखिर किस आधार पर आरोप खारिज किए
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