नामीबिया से आठ हजार किलोमीटर सफर कर भारत आएंगे 8 चीते, लेकिन नहीं मिलेगा खाना; ये है वजह
Madhya Pradesh Cheetah: मध्यप्रदेश चीतों की संख्या के मामले में देश में नंबर 1 है. यहां अलग-अलग प्रजाति के चीते देखने को मिल जाएंगे. अब नामीबिया से 8 चीते प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क लाए जा रहे हैं.
Namibia Cheetah: नामीबिया से 8 चीतों की खेप मध्यप्रदेश लाई जाएगी. इस पूरे सफर के दौरान चीतों को भूखा रखा जाएगा. चीतों की एक विलुप्त प्रजाति को नामीबिया से लाया जा रहा है. हवाई जहाज से 8 चीतों को देश लाया जाएगा. नामीबिया से भारत की दूरी 8 हजार किलोमीटर है, जिसको पूरा करने में 12-16 घंटे का वक्त लगेगा. इस दौरान चीते पूरी तरह से भूखे रहेंगे. नए मेहमान मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में अपना भोजन करेंगे.
क्या है वजह?
मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान के मुताबिक चीतों की इतनी लंबी यात्रा के लिए ये जरूरी है कि उन्हें भूखा रखा जाए, चूंकि लंबे सफर के दौरान इनको जी मचलाने की परेशानी हो सकती है, जिससे दिक्कतें पैदा होने की संभावना रहती है.
प्रधानमंत्री करेंगे स्वागत
सबसे खास बात ये है कि इन विदेशी मेहमानों का स्वागत खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) करेंगे. प्रधानमंत्री अपने जन्मदिन के दिन 17 सितंबर को रिमोट का बटन दबाकर चीतों को आजाद करेंगे.
चीतों का पूरा सफर
चीते 16 सितंबर को नामीबिया से सफर शुरू करेंगे और 17 सितंबर को भारत पहुंचेंगे. इसके बाद सभी चीतों को जयपुर में उतारा जाएगा. जयपुर से हेलीकॉप्टर के जरिेए श्योपुर जिले के कुनो-पालपुर नेशनल पार्क ले जाया जाएगा. सारे चीते बॉक्स में भरकर लाए जा रहे हैं. सफर के दौरान चीतों के साथ डॉक्टरों की एक टीम भी साथ होगी.
चीतल बनेंगे भोजन
भूखे चीतों को एक महीने तक क्वारंटाइन रखा जाएगा. इनके भोजन के लिए चीतल छोड़े जाएंगे. चीतल खिलाने का मकसद हमारे देश के पशुओं से चीतों का डर दूर करना है, जो अफ्रीका में नहीं पाए जाते हैं.
विलुप्त प्रजाति फिर से आएगी
नामीबिया से लाए जा रहे चीते 1952 से भारत में विलुप्त माने जाते हैं. इनके आने से चीतों की प्रजाति और संख्या में बढ़ोतरी होगी. मध्यप्रदेश चीतों की संख्या के मामले में नंबर 1 है. ये चीते अंतर-महाद्वीपीय स्थानांतरण परियोजना के तहत भारत आएंगे.
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