नई दिल्लीः छत्तीसगढ़ में चुनाव साल के शुरू होते ही नेताओं ने भी पूरी तैयारी शुरू कर दी है. पिछले 14 सालों से सत्ता पर बैठी बीजेपी और उसके सीएम रमन सिंह को शिकस्त देने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व कांग्रेस नेता अजीत जोगी ने नई रणनीति बनाई है. कांग्रेस से अलग होकर छत्तीसगढ़ कांग्रेस बनाने वाले अजीत जोगी ने इस बार रमन सिंह को उनके घर में ही घेरने की तैयारी कर रहे हैं. खबरों की मानें तो वह आने वाले विधानसभा चुनावों में अजीत जोगी सीएम रमन सिंह के खिलाफ राजनांदगांव से चुनाव लड़ेंगे.


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ऐसा माना जा रहा है कि अजीत जोगी राजनांदगांव में 11 फरवरी को होने वाले कार्यक्रम में इसका ऐलान करेंगे. 11 फरवरी को राजनांदगांव में अजीत जोगी के सम्मान में 'एक शाम जोगी के नाम' कार्यक्रम का आयोजन किया गया है.


रमन सिंह बोले-अच्छी बात है 
आपको बता दें कि राजनांदगांव विधानसभा सीट से रमन सिंह साल 2008 से विधायक के तौर पर जीतते आ रहे है. लेकिन लगता है कि इस बार उन्हें उनके घर में ही चुनौती मिलने वाली है. रमन सिंह ने अजीत जोगी के राजनांदगांव से चुनाव लड़ने की खबर प्रतिक्रिया देत हुए कहा, 'चुनाव लड़ना लोकतांत्रिक अधिकार है, वे जहां से चाहे वहां से चुनाव लड़ सकते हैं, अगर वे राजनांदगांव से चुनाव लड़ना चाहते हैं तो यह उनके लिए अच्छा है.'


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अजीत जोगी ने तोड़ा था कांग्रेस से नाता
गौरतलब है कि अजीत जोगी ने जून 2016 में कांग्रेस पार्टी से अलग होकर अलग पार्टी बनाने का ऐलान किया था. इसके बाद अजीत जोगी ने जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के नाम से नई पार्टी का गठन किया. जोगी ने पार्टी बनाते ही 2018 के विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू कर दी थी.


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अक्टूबर 2017 में ही जोगी ने अपनी पार्टी के 11 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान भी कर दिया था. जोगी ने छत्तीसगढ़ की सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है.जोगी ने दावा किया है कि राज्य में इस साल होने वाले विधानसभा के चुनाव में वह बहुमत के साथ सरकार बनायेंगे.



क्या है वर्तमान स्थिति
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के एक वर्ष पहले ही ​उम्मीदवारों के नामों की घोषणा को राजनीति दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाना जा रहा है. राज्य के राजनीतिक जानकारों के मुताबिक जोगी ने नामों की घोषणा कर साबित करने की कोशिश की है उनकी पार्टी सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस से आगे है. छत्तीसगढ़ में विधानसभा की 90 सीटें है जिसमें 49 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी का तथा 39 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है जबकि एक एक सीट पर बहुजन समाज पार्टी और निर्दलीय विधायक हैं.