नई दिल्ली: जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस (Coronavirus) को खत्म करने के लिए टीके बनाने में जुटी है. चीन ने इसका भी एक शॉर्टकट तैयार कर लिया है. चीन ने ऐसे एंटीबॉडीज (Antibodies) तैयार किए हैं. इस वक्त ये एंटीबॉडीज ही कोरोना वायरस के सबसे सटीक और प्रभावशाली इलाज साबित हो रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि चीन ने इसी तरीके से अपने हजारों मरीजों को ठीक किया.


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क्या है कोरोना वायरस से लड़ने का चीनी तरीका
चीनी वैज्ञानिक झांग लिंकी (Zhang Linqi) के अनुसार कोरोना वायरस खून के भीतर मौजूद सैल में प्रवेश करके ही हमला करता है. इसकी काट के लिए चीनी वैज्ञानिकों ने ऐसे एंटीबॉडीज तैयार किए हैं जो वायरस को सैल के भीतर घुसने ही नहीं देते. इसकी वजह वायरस शरीर में संक्रमण फैला ही नहीं पाता और इसका इलाज आसान हो जाता है. चीनी वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए 20 एंटीबॉडीज की पहचान की थी. इनमें से चार एंटीबॉडीज कोरोना के खिलाफ शानदार काम कर रहे हैं.


चीन में कोरोना वायरस पर जीत का यही है राज
चीन के वुहान शहर से शुरू हुए कोरोना वायरस का संक्रमण पूरी दुनिया में फैल चुका है. चीन में वायरस की वजह से 82,437 लोग संक्रमित हुए थे. लेकिन चीनी सरकार इस महामारी में भी लगभग 76,566 लोगों को ठीक करने में कामयाब हुई है. जबकि इस दौरान चीन में इस जानलेवा वायस की वजह से 3,322 लोगों की मौत हो चुकी है.


क्यों प्रभावी है कोरोना वायरस पर ये चीनी तरीका
दरअसल दुनिया के सभी वैज्ञानिक कोरोना वायरस का जिनोम सिक्वेंस समझकर इसे खत्म करने का टीका तैयार करने में लगी है. इसके ठीक उलट चीनी वैज्ञानिकों ने सबसे पहले ये समझा कि आखिर ये वायरस संक्रमण कैसे करता है? चीनी शोध ही सबसे पहले पता चला था कि कोरोना वायरस शरीर के भीतर सैल में घुसकर हमला शुरू करता है. दुनिया के सभी वैज्ञानिक जानते हैं कि किसी टीके को तैयार करने में एक से दो साल का वक्त लग सकता है. इसीलिए चीनी वैज्ञानिकों ने वायरस को सैल में घुसने से रोकने पर काम किया. इसमे उन्हें जबरदस्त सफलता हासिल हुई है.


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और क्या काम आता है एंटीबॉडीज
दुनियाभर में एंटीबॉडीज से बीमारियों को ठीक करने की पद्धति बहुत पुरानी है. वैज्ञानिका और डॉक्टर कैंसर, खून की बीमारी, संक्रमण और इम्यूनिटी से जुड़ी बीमारियों में एंटीबॉडीज का ही इस्तेमाल करते हैं.