नई दिल्ली/पटना: LJP में उथल-पुथल के बीच चिराग पासवान (Chirag Paswan) भी अब आर पार के मूड में आ गए हैं. चिराग ने एलजेपी कार्यसमिति की वर्चुअल बैठक में बड़ा फैसला लिया है. सभी बागी 5 सांसदों को चिराग पासवान ने पार्टी से निकालने का फैसला करते हुए पार्टी के अध्यक्ष पद पर अपना दावा किया है. वहीं चाचा पशुपति पारस के खिलाफ चिराग के समर्थकों ने आक्रोश जाहिर किया है. चिराग समर्थकों ने पटना एलजेपी कार्यालय में जमकर हंगामा किया. 


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नीतीश और पशुपति के खिलाफ आक्रोश


एलजेपी (LJP) में हुए परिवर्तन को लेकर आज राजधानी पटना के बिहार प्रदेश एलजेपी कार्यालय में एलजेपी नेताओं द्वारा पशुपति पारस, बागी सांसदों और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की तस्वीरों को जलाया और जमकर उनके खिलाफ नारेबाजी भी की. साथ ही एलजेपी प्रदेश कार्यालय के बाहर लगे पशुपति पारस (Pashupati Paras) के अध्यक्ष पद के बोर्ड और एलजेपी के सभी पांचों सांसदों के बैनर के ऊपर कालिख पोत दी गई.


 



 


'नीतीश ने चिराग की पीठ में खंजर घोंपा'


एलेजीप नेता अमर आजाद और राकेश कुमार ने कहा, पार्टी चिराग पासवान की ही रहेगी. नीतीश कुमार ने चिराग पासवान के पीठ में खंजर घोंपा है. अगर उनको कोई दिक्कत थी तो चिराग पासवान से बैठ कर बात कर लेते.


'मां के साथ विश्वासघात नहीं किया जाना चाहिए'


अपने चाचा पशुपति कुमार पारस द्वारा लोक सभा में लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के नेता पद से हटाये जाने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान ने पार्टी की तुलना एक मां से करते हुए कहा कि इसके साथ ‘विश्वासघात’ नहीं किया जाना चाहिए. एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने पिता रामविलास पासवान द्वारा बनाई गई पार्टी और अपने परिवार को एक साथ रखने के प्रयास किये, लेकिन असफल रहे.


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'लोकतंत्र में लोग सर्वोच्च'


चिराग पासवान ने कहा कि लोकतंत्र में लोग सर्वोच्च हैं, और उन्होंने पार्टी में विश्वास रखने वालों को धन्यवाद दिया. पासवान ने मार्च में अपने पिता के सबसे छोटे भाई पारस को लिखे गए एक पत्र को भी शेयर किया, जिसमें उन्होंने उन्हें पार्टी अध्यक्ष बनाये जाने सहित कई मुद्दों पर अपने चाचा की नाखुशी को उजागर किया था.


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