सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सिनेमा हॉल मालिक, लोगों को हॉल में बाहर का खाना या फिर कोई पेय पदार्थ लाने से रोक सकते हैं. हालांकि कोर्ट ने साफ किया कि सिनेमा मालिकों को हॉल में लोगों के लिए मुफ़्त पानी की सुविधा उपलब्ध करानी होगी. इसके साथ ही अभिभावक भी छोटे बच्चों के लिए बाहर से खाना ले जा सकते हैं. 


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सिनेमा हॉल, मालिक की निजी सम्पति


चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने कहा कि सिनेमा हॉल, उसके मालिक की निजी सम्पति है और वो अपने हिसाब से शर्ते लगा सकता है, बशर्ते वो लोगों के हित या सुरक्षा के खिलाफ ना हो. अगर कोई सिनेमा हॉल में आता है तो उसे वहां के नियमों का पालन करना ही होगा.


जम्मू कश्मीर HC के आदेश को चुनौती


सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश सिनेमा हॉल मालिकों की उस अर्जी पर सुनवाई के दौरान दिया जिसमें उन्होंने जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी. 2018 में जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि सिनेमा हॉल मालिक बाहर से आने वाले लोगों को अपना खाना या पेय पदार्थ लाने से नहीं रोक सकते. 


हाईकोर्ट का कहना था कि जम्मू कश्मीर सरकार की ओर से तय किये नियमों के मुताबिक सिनेमा हॉल में बाहर का खाना प्रतिबंध नहीं है. इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर अर्जी में सिनेमाघर मालिको का कहना था कि सिनेमा हॉल कोई सार्वजनिक जगह नहीं है. यहां पर आने वालों के लिए नियम तय करने का अधिकार उनके पास है. वैसे वो अपनी तरफ से किसी को वहां का खाना लेने के लिए बाध्य भी नहीं करते.


SC से सिनेमाघर मालिकों को राहत


सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट के आदेश को निरस्त करते हुए कहा कि भले ही सरकार के नियम सिनेमा हॉल में बाहर के खाने पर प्रतिबंध न लगाते हो, पर हॉल मालिकों को अपने नियम/ शर्तों के मुताबिक व्यवसाय करने का अधिकार है. वो चाहे तो बाहर के खाने या पेय पदार्थ पर प्रतिबंध लगा सकते है. 


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