CJI DY Chandrachud Sher: जस्टिस कृष्णा मुरारी (Justice Krishna Murari) के विदाई समारोह में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) का अलग शायराना अंदाज दिखा. इस मौके पर सीजेआई ने जस्टिस कृष्ण मुरारी के योगदान की तारीफ की. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि उन्होंने अपनी अदालत का संचालन बड़ी ही विनम्रता की भावना और शांति के साथ किया. जस्टिस मुरारी एक ऐसे 'विनम्र शिल्पकार' रहे हैं जिन्होंने अपनी जिंदगी कानून और इससे प्रभावित लोगों के लिए समर्पित कर दी. बता दें कि जस्टिस मुरारी को 23 सितंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के रूप में पदोन्नत किया गया था. वह आज (शनिवार को) रिटायर हो जाएंगे.


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सीजेआई ने की जस्टिस मुरारी की तारीफ


मीडिया रिपोट्स के अनुसार, विदाई समारोह में सीजेआई ने कहा कि जस्टिस मुरारी ने हमेशा शांत स्वभाव का परिचय दिया जो एक जज के लिए आदर्श आचरण है. उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में जस्टिस मुरारी ने सेवा कानून, आपराधिक कानून और संवैधानिक कानून समेत कानून के कई क्षेत्रों में योगदान दिया.


जब सीजेआई ने पढ़ा शेर


इस दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने बशीर बद्र का एक शेर भी पढ़ा. उन्होंने कहा कि मुसाफिर हैं हम भी, मुसाफिर हो तुम भी. किसी मोड़ पर फिर मुलाकात होगी. एक और शेर में सीजेआई ने कहा कि आपके साथ कुछ लम्हे कई यादें बतौर इनाम मिले, एक सफर पर निकले और तजुर्बे तमाम मिले.


जस्टिस मुरारी आज हो जाएंगे रिटायर


बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में 34 जजों के पद स्वीकृत हैं, पर पिछले महीने तीन जजों के रिटायरमेंट के बाद वर्तमान में 31 जजों के साथ काम हो रहा है. जस्टिस मुरारी के रिटायरमेंट के बाद आज जजों की संख्या घटकर 30 रह जाएगी.


गौरतलब है कि जस्टिस मुरारी का जन्म 9 जुलाई 1958 को हुआ था. जस्टिस मुरारी 23 दिसंबर 1981 को एक वकील के तौर पर नामांकित हुए थे. जस्टिस मुरारी ने 2 जून, 2018 को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में पदभार संभाला था.


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