नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय के Central Board of Indirect Taxes & Customs (CBIC) ने तुरंत कस्टम योजना शुरू की है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

योजना के तहत इंपोर्टर्स के सामान का क्लीयरेंस फेसलेस, कांटेक्टलेस और पेपरलेस होगा. दिसंबर तक ये पूरे देश के पोर्ट, एयरपोर्ट,इंनलैंड कंटेनर डिपो में शुरू हो जाएगा. 


तुरंत कस्टम के जरिए इंपोर्टेड सामान अगर चेन्नई में आया है तो उसका क्लीयरेंस बेंगलुरु में बैठा हुआ ऑफिसर दे सकता है. इसी तरह अगर बेंगलुरु में कोई सामान आया है तो उसका क्लीयरेंस चेन्नई में बैठा हुआ ऑफिसर भी दे सकता है. 


ये भी पढ़ें- भारत ने की बॉयकॉट की बात, तो चीन के छूटने लगे पसीने, देने लगा धमकी!


CBIC के मुताबिक इंपोर्टर्स गुड्स का सेल्फ रजिस्ट्रेशन करेंगे. बिल ऑफ एंट्री की क्लीयरेंस भी ऑटोमेटिक मिल जाएगी. E-Sanchit प्लेटफार्म के जरिए इंपोर्टर्स अपने सारे डाक्यूमेंट्स पोर्टल परअपलोड करेंगे,और इंपोर्टर्स और कस्टम ऑफिसर के बीच में सारे कम्यूनिकेशन इलेक्ट्रॉनिक माध्यम ICEGATE से होंगे.


तुरंत कस्टम योजना के लिए पहले अगस्त 2019 से एक पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया. यह अहमदाबाद दिल्ली विशाखापट्टनम में चल रहा था. इसके बाद अब इसे पूरे देश में लागू करने का काम शुरू हो गया है. वित्त मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक इस ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत यह कदम बहुत महत्वपूर्ण है. इसके बाद भारत की इस वर्ल्ड बैंक ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग पर भी इसका असर देखने को मिलेगा.


ये भी देखें-