Congress attacks on Mohan Bhagwat: कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस के प्रमख मोहन भागवत की टिप्पणी को लेकर शनिवार को उन पर निशाना साधा और कहा कि किसी को हिंदू धर्म का स्वघोषित ठेकेदार बनने का अधिकार नहीं है. असल में मोहन भागवत ने विजया दशमी कार्यक्रम में बांग्लादेश की स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि हिंदुओं समेत अल्पसंख्यकों के सिर पर खतरे की तलवार लटक रही है तथा हिंदू अब अपनी रक्षा के लिए सामने आए हैं.


'हाईजैक करने की इजाजत नहीं'


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उन्होंने यह भी कहा कि असंगठित एवं निर्बल होना दुष्टों के अत्याचारों को निमंत्रण देने के समान है. हिंदुओं को एकजुट होने की जरूरत है. अब भावगत की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि मेरा धर्म बहुत बड़ा है. इसे किसी संगठन या व्यक्ति द्वारा हाईजैक करने की इजाजत नहीं दी जा सकती. उन्होंने कहा कि किसी को यह अधिकार नहीं है कि वह मेरे धर्म का स्वघोषित ठेकेदार बने.


'हिंदुओं को एकजुट होने की जरूरत है'


इससे पहले राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में आयोजित विजयादशमी उत्सव में उपस्थित स्वयंसेवकों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार के कुछ प्रमुख सिद्धांतों का समर्थन किया. उनके भाषण में भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा, देश की प्रगति, शांतिपूर्ण चुनावों की प्रक्रिया, और विभिन्न चुनौतियों का सामना करने की बात शामिल थी. मोहन भागवत ने 'वसुधैव कुटुम्बकम्' के सिद्धांत की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसे अब दुनिया भर में व्यापक रूप से स्वीकार किया जा रहा है. 


उन्होंने भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा को अपने चरम पर बताते हुए देश की मजबूत राजनीतिक स्थिति के लिए सराहना व्यक्त की. उन्होंने पिछले एक दशक में भारत की अद्भुत प्रगति का जश्न मनाया. उन्होंने कहा कि आज भारत एक मजबूत और अधिक सम्मानित राष्ट्र बन चुका है, जिसकी वैश्विक विश्वसनीयता ऊंचाई पर है. उन्होंने कहा कि देश सभी क्षेत्रों में प्रगति कर रहा है और सामाजिक समझ विकसित हो रही है. इसका एक उदाहरण जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनावों का संचालन है, जो भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा और वैश्विक पहचान में योगदान दे रहा है. agency input