नई दिल्ली: कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि उनके अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद के अंदर गले लगाना एक स्वस्फूर्त भाव था, और यह पूर्व निर्धारित नहीं था, जिसने भाजपा को हतप्रभ कर दिया. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ट्वीट कर लिखा कि राहुल गांधी ने क्या शानदार प्रदर्शन किया. यह 'गेम-चेंजिंग' भाषण था. सरकार के दावों की धज्जियां उड़ाने के बाद उन्होंने अपने भाषण की समाप्ति अलिखित गले लगा कर की, जिसने सच में भाजपा को हतप्रभ कर दिया. अविश्वास प्रस्ताव पर भाषण देने के क्रम में भाजपा पर निशाना साधने के बाद, राहुल सत्तारूढ़ बेंच की तरफ बढ़े और उन्होंने जाकर मोदी को गले लगाया. इस घटना ने लोकसभा में सभी को स्तब्ध कर दिया. 


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मैं आपसे प्यार करता हूं- राहुल गांधी
राहुल ने अपने 40 मिनट के जोरदार भाषण में कहा कि मेरे मन में आपके लिए नफरत या द्वेषपूर्ण भावनाएं रत्ती भर भी नहीं हैं. आप मुझसे नफरत करते हैं, मैं शायद आपके लिए 'पप्पू' हूं. आप मेरे लिए अपशब्द का इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन मैं आपसे प्यार करता हूं और आपका सम्मान करता हूं, क्योंकि मैं कांग्रेस हूं. प्रधानमंत्री पहले थोड़ा-सा हैरान हुए, फिर उनकी तरफ से इस तरह का भाव दिखा जैसे वह गांधी से कह रहे हैं कि वह यहां क्यों आ गए. लेकिन राहुल ने मोदी को बाहों में भर लिया और उन्हें गले लगा लिया. इस घटना से हतप्रभ प्रधानमंत्री जब सामान्य हुए तो उन्होंने राहुल को बुलाया और उनसे हाथ मिलाया. उन्होंने राहुल की पीठ थपथपाई और उनसे कुछ बातें की.


'आप' ने किया राहुल गांधी का समर्थन 
आम आदमी पार्टी (आप) ने लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के गले मिलने का समर्थन किया और कहा कि संसद में नीतियों का विरोध किया जाना चाहिए, न कि व्यक्तियों का. वरिष्ठ आप नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री अक्सर विदेशी राष्ट्र प्रमुखों से गले मिलते हैं तो संसद में राहुल गांधी के उनसे गले मिलने में क्या गलत है. सिंह ने कहा कि संसद लोकतंत्र का सबसे बड़ा मंदिर है, जहां नीतियों की आलोचना की जानी चाहिए, न कि व्यक्तियों की. लेकिन भाजपा के लोग गले मिलने को पसंद नहीं करते, वे गाली गलौज में विश्वास करते हैं. गौरतलब है कि सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मोदी पर हमला बोलने के बाद राहुल गांधी प्रधानमंत्री के पास पहुंचे और उनसे गले मिले. इससे समूचा सदन आश्चर्यचकित रह गया था.


सदन के शिष्टाचार में आई कमी- सुमित्रा महाजन
वहीं, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गले मिलने पर नाखुशी जाहिर की. महाजन ने कहा कि इस हाव-भाव से सदन के शिष्टाचार में कमी आई है. उन्होंने कहा कि मुझे भी यह पसंद नहीं है. एक शिष्टाचार होता है प्रधानमंत्री पद के लिए. सदन के भीतर सीट पर जब वह बैठे हैं तो, वह नरेंद्र मोदी नहीं बल्कि भारत के प्रधानमंत्री हैं. लोकसभा में गृहमंत्री राजनाथ सिंह के भाषण के दौरान कुछ समय के लिए सदन के स्थगित होने के बाद जब दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तब लोकसभाध्यक्ष ने यह टिप्पणी की. राजनाथ सिंह ने दोबारा अपना भाषण शुरू करते हुए कहा कि कुछ लोगों ने सदन के भीतर 'चिपको आंदोलन' शुरू किया है. उनकी इस टिप्पणी पर महाजन ने कहा कि राहुल ने जो किया वह उन्हें भी पसंद नहीं है. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि आपको (कांग्रेस सदस्यों को इंगित करते हुए) यह भले ही पसंद हो लेकिन मुझे यह पसंद नहीं आया. खासतौर से उन्होंने (राहुल गांधी) प्रधानमंत्री से गले मिलने के बाद जो इशारा किया, वह मुझे पसंद नहीं आया. इस सदन में शिष्टाचार को बनाए रखने की जिम्मेदारी हमारी है.


राहुल को मिली हिदायत
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी मेरे बेटे की तरह हैं. मैं मां के रूप में उन्हें शिष्टाचार की बात बताना भी अपना कर्तव्य मानती हूं. इससे पहले सदन में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान अपने भाषणा में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार की बखिया उधेड़ने के बाद राहुल गांधी सत्ताधारी पक्ष की ओर गए मोदी से गले मिले जिसे देख लोकसभा में सभी हैरान थे. अचानक हक्का-बक्का हो जाने के बाद मोदी ने तुरंत उनको वापस बुलाकर उनसे हाथ मिलाया. उन्होंने राहुल गांधी की पीठ थपथपाई और मुस्कराते हुए दोनों नेताओं ने बात की.


(इनपुट आईएएनएस से)