Fixed Deposits Growth: आरबीआई (RBI) की तरफ से दी गई जानकारी में बताया गया कि ब्याज दर बढ़ने से लोगों के बीच उच्च ब्याज दर वाली एफडी में पैसा ट्रांसफर करने का चलन बढ़ गया है. 7 प्रतिशत से ज्यादा ब्याज दर वाली एफडी में डिपॉजिट बढ़कर 68.8 प्रतिशत पहुंच गया है.
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Current Accounts and Savings Accounts: ब्याज दर में इजाफा होने से पिछले कुछ सालों में निवेशक एफडी को प्रीफरेंस दे रहे हैं. आकर्षक ब्याज दर के कारण एफडी की वृद्धि करंट अकाउंट और सेविंग अकाउंट (CASA) में वृद्धि को पार कर गई है. इसकी कुल जमा में हिस्सेदारी बढ़कर इस साल सितंबर में 61.4 प्रतिशत हो गयी, जो एक साल पहले 59.8 प्रतिशत थी. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से जारी आंकड़ों से यह साफ हुआ है. आरबीआई (RBI) ने तिमाही ‘बुनियादी सांख्यिकीय रिटर्न’ (Basic Statistical Return) अनुसूचित कमर्शियल बैंकों के पास जमा - सितंबर 2024 जारी की गई.
अच्छे रिटर्न वाली एफडी में ज्यादा जमा हो रहा पैसा
आरबीआई (RBI) की रिपोर्ट में कहा गया कि ‘सख्त मौद्रिक नीति के साथ बड़ी मात्रा में जमा राशि उच्च ब्याज दर वाली एफडी में ट्रांसफर हुई है. 7 प्रतिशत से ज्यादा ब्याज दर वाली एफडी में डिपॉजिट बढ़कर 68.8 प्रतिशत हो गई है, यह आंकड़ा एक साल पहले 54.7 प्रतिशत का था.’ आंकड़ों के अनुसार, बैंक जमा वृद्धि सालाना आधार पर सितंबर, 2024 में 11.7 प्रतिशत रही. आबादी की सभी कैटेगरी ग्रामीण / अर्ध-शहरी / शहरी / महानगरीय की जमा राशि में दहाई अंक की सालाना वृद्धि दर्ज की गई.
66.5 प्रतिशत योगदान महानगर की ब्रांच का रहा
फाइनेंशियल ईयर 2024-25 की दूसरी तिमाही में कुल जमा में वृद्धि का 66.5 प्रतिशत योगदान महानगर की ब्रांच का रहा. इनकी कुल जमा में 54.7 प्रतिशत हिस्सेदारी रही. आरबीआई के अनुसार कुल जमा राशि में से 51.4 प्रतिशत पर्सनल तौर पर रखे गए थे. महिला जमाकर्ताओं के पास पर्सनल डिपॉजिट का करीब 40 प्रतिशत हिस्सा है. पब्लिक सेक्टर के बैंकों में जमा वृद्धि सालाना आधार पर सितंबर, 2024 में 9 प्रतिशत बढ़ी, जो जून, 2024 में 8.1 प्रतिशत थी. हालांकि, यह अन्य बैंक ग्रुप में 15 प्रतिशत से नीचे है.
सीनियर सिटीजन का डिपॉजिट भी लगातार बढ़ रहा
सीनियर सिटीजन की जमा राशि का हिस्सा सितंबर, 2024 में बढ़कर 20.1 प्रतिशत हो गया, यह एक साल पहले 19.7 प्रतिशत था. 'अनुसूचित कमर्शिय बैंकों के बकाया लोन पर एक अन्य बुनियादी सांख्यिकीय रिटर्न’ के अनुसार, बैंक डेब्ट इनक्रीज सालाना आधार पर सितंबर 2024 में घटकर 12.6 प्रतिशत रही जो मार्च, 2024 में 15.3 प्रतिशत पर थी. बैंकों की महानगर स्थित ब्रांच का लोन में हिस्सा 60.6 प्रतिशत था. इन शाखाओं ने 11.6 प्रतिशत की कम वृद्धि दर्ज की.
कृषि, उद्योग, आवास और पर्सनल (गैर-आवास) लोन में गैर-आरआरबी अनुसूचित कमर्शियल बैंकों के लोन में क्रमशः 11.5 प्रतिशत, 23.7 प्रतिशत, 16.5 प्रतिशत और 14.9 प्रतिशत हिस्सेदारी थी. उन्होंने सालाना आधार पर क्रमशः 13.2 प्रतिशत, 10.4 प्रतिशत, 13.2 प्रतिशत और 17.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की. इसमें कहा गया, ‘निजी कॉरपोरेट क्षेत्र की कर्ज वृद्धि बढ़कर सितंबर, 2024 में 16.5 प्रतिशत रही. कार्यशील पूंजी ऋण बढ़कर 15.3 प्रतिशत हो गया, जो एक साल पहले 14.1 प्रतिशत था. व्यक्तिगत ऋण में महिला उधारकर्ताओं की हिस्सेदारी धीरे-धीरे बढ़ रही है और सितंबर, 2024 में यह 23.6 प्रतिशत रही. (इनपुट भाषा से भी)