नई दिल्ली: लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले अखबारों एवं मीडिया को वह विज्ञापन की आड़ में दबाने का प्रयास कर रही है और सभी लोगों को इसके खिलाफ आवाज उठाना चाहिए.


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लोकसभा में शून्यकाल के दौरान चौधरी ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि विज्ञापन एवं दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) ने मीडिया को विज्ञापन के भुगतान की व्यवस्था को डिजिटल स्वरूप प्रदान किया है. इसका मकसद व्यवस्था में पारदर्शिता लाना बताया गया है. लेकिन इसके बहाने अनेक मीडिया वालों का विज्ञापन बंद कर दिया गया.


उन्होंने कहा कि अनेक अखबार और मीडिया, जो सरकार के खिलाफ आवाज उठाते थे और कुछ ने राफेल मुद्दे को भी उठाया, की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है. कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार के इस प्रयास के खिलाफ सभी को विरोध करना चाहिए.


चौधरी इस विषय पर अपनी बात को आगे जारी रखना चाहते थे लेकिन अध्यक्ष ओम बिरला ने इसकी अनुमति नहीं दी. इस पर कांग्रेस सदस्यों ने अपने स्थान से विरोध प्रकट किया. संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी कुछ कहते देखा गया.


कांग्रेस के ही शशि थरूर ने सरकार से तिरूवनंतपुरम में सुनने और बोलने की अशक्तता वाले लोगों के लिये संस्थान स्थापित करने के अपने वादे को पूरा करने की मांग की.


कांग्रेस के गुरजीत सिंह ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद अटारी सीमा से होने वाले कारोबार पर शुल्क बढ़ा दिया गया है जिससे कारोबारियों को काफी परेशानी पेश आ रही है. सरकार को इस विषय पर ध्यान देना चाहिए.