नई दिल्ली:  कांग्रेस के ‘जी 23’ गुट के नेताओं के बगावती सुर और हाल के दिनों में कई नेताओं के पार्टी छोड़ने के बीच शनिवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक होने जा रही है. इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि इसमें संगठन और चुनाव की तैयारियों का एजेंडा तय हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक बैठक का मुख्य एजेंडा पांच राज्यों में होने वाले चुनाव रहेंगे.


बैठक में इन मुद्दों पर रहेगा फोकस


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इसके साथ ही बैठक में पार्टी अध्यक्ष और संगठन चुनाव के मुद्दे पर मंथन किया जा सकता है. किसान आंदोलन और महंगाई जैसे मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति भी बैठक के एजेंडे में शामिल है. इस बैठक में G-23 के नेता एक बार फिर संगठन चुनाव को लेकर अपनी आवाज बुलंद कर सकते हैं.


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के संगठन चुनाव को लेकर कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाने की मांग की थी लिहाजा यह बैठक की जा रही है. गांधी परिवार के करीबी नेता बैठक में उठने वाले मुद्दों के लिहाज से काउंटर तैयारी भी कर रहे हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि बैठक में दस जनपथ के करीबी नेताओं का जोर वर्तमान में उभरे राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करने का होगा.


बैठक ऐसे वक्त में हो रही है जब सुष्मिता देव, जितिन प्रसाद, लुईजिन्हो फालेरियो और कई अन्य नेता पिछले कुछ महीनों में कांग्रेस छोड़कर दूसरे दलों में शामिल हुए हैं. इस बैठक में उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में होने वाले विधान सभा चुनावों की तैयारियों को लेकर भी चर्चा होगी. इन राज्यों में अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने हैं.


नए अध्यक्ष का कब होगा चुनाव?


पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव, किसान आंदोलन, संगठन चुनाव, पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम, महंगाई जैसे मुद्दे कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में डिस्कस किए जाएंगे. लोक सभा चुनाव के बाद हार की जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद से राहुल गांधी ने इस्तीफा दे दिया था, इसके बाद से कोई भी स्थाई अध्यक्ष अभी तक नहीं चुना गया है. तब से सोनिया गांधी कार्यकारी अध्यक्ष बनी हुई हैं.


कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता जो पार्टी की कार्यशैली पर सवाल उठाते आए हैं और सोनिया गांधी को चिट्ठी भी लिख चुके हैं, उन्हें G-23 के नाम से जाना जाता है. ये नेता संगठन चुनाव को लेकर बार-बार आवाज उठाते रहे हैं.


वरिष्ठ और युवा नेताओं के बीच कलह!


कुछ दिन पहले ही पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने मुखर होकर पार्टी की कार्यप्रणाली और संगठन चुनाव को लेकर कई सवाल उठाए थे. उनके घर के बाहर युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन भी किया था. इसको लेकर भी कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता नाराजगी जता चुके हैं और यह सवाल कर चुके हैं कि जब पार्टी में अध्यक्ष है ही नहीं तो आखिर फैसले कौन ले रहा है.


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लिहाजा शनिवार को होने वाली बैठक में ग्रुप 23 के वरिष्ठ नेताओं का जोर संगठन चुनाव कराने पर रहेगा तो वहीं 10 जनपथ के करीबी नेताओं का जोर बाकी दूसरे मुद्दों पर फोकस करने का होगा.