नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के दोषी करार दिए गए वकील प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) की सजा पर कोर्ट आज (सोमवार) फैसला सुना सकता है. प्रशांत भूषण ने इसे लेकर माफी मांगने से इनकार कर दिया था. पिछली सुनवाई में प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद कोर्ट ने भूषण के वकील राजीव धवन से ही पूछा था कि आपके मुवक्किल को क्या सजा दी जाए? न्यायपालिका के खिलाफ दो आपत्तिजनक ट्वीट के मामले में भूषण को दोषी ठहराया गया है. 


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‘शहीद’ न बनाया जाए
अटॉर्नी जनरल ने भी सुनवाई के दौरान कहा था कि भूषण का ट्वीट यह बताने के लिए था कि ज्यूडिशरी को अपने अंदर सुधार लाना चाहिए. इसलिए भूषण को माफ कर देना चाहिए. वहीं भूषण के वकील राजीव धवन ने कहा था कि प्रशांत भूषण को सजा देकर उन्हें 'शहीद' न बनाया जाए. धवन ने तर्क दिया कि बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में जब कल्याण सिंह को सजा सुनाकर जेल भेजा गया था तो उन्होंने इस पर खुशी जताई थी और उसके बाद उनकी लोकप्रियता बढ़ गई थी.


कितनी हो सकती है सजा?
सभी पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि प्रशांत भूषण ने इस अदालत के न्यायाधीशों के खिलाफ कई अपमानजनक टिप्पणियां की हैं. यहां तक कि रामजन्मभूमि मामले में भी उन्होंने गलत टिप्पणियां कीं. उस मामले से जुड़े केवल एक न्यायाधीश सेवानिवृत्त हुए है, बाकी अभी भी इस अदालत में हैं. जस्टिस अरुण मिश्र की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ प्रशांत भूषण को सजा सुनाएगी. गौरतलब है कि अदालत की अवमानना कानून के तहत भूषण को छह महीने की सामान्य कैद या दो हजार रुपये जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं.


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