कोलकाता: नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर देशभर में जारी विरोध-प्रदर्शन के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने विवादित बयान देते हुए इस मुद्दे पर जनमत संग्रह की मांग रख दी है. ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने गुरुवार को कहा कि नागरिकता कानून और एनआरसी देश में लागू हो या नहीं इसके लिए जनमत संग्रह कराया जाना चाहिए. जनमत संग्रह संयुक्त राष्ट्र (UN) की निगरानी में कराया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि 38% लोग देश के 62% नागरिकों के अधिकार नहीं छीन सकते. यहां आपको बता दें कि ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) का 38% कहने का तात्पर्य यह है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए को 38 फीसदी वोट मिले थे.


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सीएए को लेकर देशभर में जारी विरोध-प्रदर्शन और हिंसा को लेकर सीएम ममता ने कहा कि ये सब बीजेपी की साजिश है. उन्होंने आरोप लगाया कि मुस्लिम टोपी पहनकर बीजेपी के कार्यकर्ता हिंसा फैला रहे हैं.


उधर, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि शांतिपूर्ण विरोध को दबाना, भारत की आत्मा को अपमानित करना है.


यहां आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ गुरुवार को व्यापक विरोध प्रदर्शन देखने को मिला. छात्र अपना विरोध जताने के लिए बड़ी संख्या में शहर के बीच एकत्रित हुए. वहीं प्रमुख राजनीतिक दल तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और वाम दलों ने भी कोलकाता व अन्य जिलों में सभाएं की और जुलूस निकाले. 


विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के छात्र अलग-अलग बैनर पकड़े और तिरंगा लेकर मध्य कोलकाता के रामलीला मैदान में इकट्ठे हुए. कई लोगों की कमीज पर लिखा था, 'नो कैब', 'नो एनआरसी'.


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी (Mamata Banerjee), जिन्होंने कोलकाता और हावड़ा में पिछले तीन दिनों में बड़े पैमाने पर मार्च का नेतृत्व किया, रानी रश्मोनी रोड पर एक बैठक को संबोधित करने वाली हैं. सैकड़ों तृणमूल कार्यकर्ता और समर्थक मौके पर पहुंचना शुरू हो गए हैं.


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कांग्रेस नए कानून के खिलाफ 'संविधान बचाओ, देश बचाओ' नारे के साथ टीपू सुल्तान मस्जिद से सेंट्रल एवेन्यू स्थित राम मंदिर तक जुलूस निकालेगी. राज्य कांग्रेस के प्रवक्ता अमिताभ चक्रवर्ती ने हालांकि कहा है कि राज्य प्रशासन ने रैली के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया है.


उन्होंने कहा, 'सांप्रदायिक भाजपा को बैठकें और जुलूस निकालने के लिए हमेशा हरी झंडी मिल जाती है, लेकिन जब कांग्रेस महात्मा गांधी के आदशरें से प्रेरित होकर एक सत्याग्रह आंदोलन करना चाहती है, तो सरकार इसे मंजूरी देने से इनकार कर देती है.' चक्रवर्ती ने कहा, 'हम तीन बजे टीपू सुल्तान मस्जिद से अपना जुलूस शुरू करेंगे, भले ही सरकार हमें अनुमति दे या नहीं.' कुल 17 वाम दलों ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ रामलीला मैदान से दक्षिण कोलकाता में पार्क सर्कस तक एक बड़ी रैली बुलाई है.


सीएए और एनआरसी के खिलाफ पिछले शुक्रवार से पश्चिम बंगाल में हिंसक प्रदर्शन जारी हैं, जिसने प्रदेश को हिलाकर रख दिया है. प्रदर्शनकारियों ने कई ट्रेनों, रेलवे स्टेशनों और रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है, वहीं प्रदर्शन के दौरान कुछ प्रमुख राजमार्गों को भी अवरुद्ध कर दिया गया, जिससे आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.