वाशिंगटन: कोरोना वायरस (Coronavirus) की सबसे ज्यादा मार झेल रहा अमेरिका शुरुआत से ही यह पता लगाने में जुटा है कि क्या COVID-19 चीन की कारगुजारियों का परिणाम है या फिर इसकी उत्पत्ति वैसे ही हुई है जैसा कि कहा जा रहा है. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को शक है कि कोरोना वायरस चीन के मांस बाजार की बजाय प्रयोगशाला में निर्मित किया गया था.


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हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इस बारे में किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना अभी जल्दबाजी होगी. गौरतलब है कि चीन के वुहान से निकले वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है. इस महामारी से अब तक 1,36,908 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 2 मिलियन से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं. 


अमेरिका सभी संभावनाओं पर काम कर रहा है. हालांकि, वो यह नहीं मानता कि कोरोना वायरस जैविक हथियारों की रिसर्च से जुड़ा था. WION के अनुसार, अधिकांश थ्योरी इस ओर इशारा करती हैं कि वायरस की उत्पत्ति चीन के वुहान की एक प्रयोगशाला में हुई, और वायरस गलती से लोगों में फैल गया.


अन्य स्रोतों ने CNN को बताया कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियां इस थ्योरी की पुष्टि करने की स्थिति में नहीं हैं, लेकिन वे यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या प्रयोगशाला में कोई व्यक्ति दुर्घटनावश वायरस के संपर्क में आया या फिर उसके चलते यह अन्य लोगों में फैला?


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शायद सच कभी सामने न आए


खुफिया सूत्रों के अनुसार, अमेरिका चीन से जुड़ी संवेदनशील खुफिया जानकारी एकत्र कर रहा है, ताकि इस थ्योरी की सच्चाई तक पहुंचा जा सके. हालांकि खुफिया अधिकारियों का कहना है कि वायरस की उत्पत्ति की असली वजह शायद कभी दुनिया के सामने ना आ पाए. उधर, चीन इन आरोपों को नकारता रहा है कि उसने जानबूझकर वायरस की उत्पत्ति की. उसका कहना है कि इस तरह के आरोप महामारी से लड़ाई में दुनिया को कमजोर करेंगे.


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हर रोज बढ़ रहा आंकड़ा
अमेरिका में कोरोना से मरने वालों की संख्या हर रोज बढ़ती जा रही है. पिछले 24 घंटों में यहां 2500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. किसी भी देश में एक दिन में मरने वालों का यह आंकड़ा सबसे ज्यादा है. मौजूदा स्थिति को देखते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर नई गाइडलाइन जारी करने की जरूरत है.