मुंबई: महाराष्ट्र के कई जिलों में कोविड-19 वैक्सीन का स्टॉक अगले एक या दो दिन में खत्म हो जाएगा. राज्य के एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने इसकी जानकारी देते हुए बुधवार को कहा कि जल्द ही इन जिलों में कोविड वैक्सीन का स्टॉक खत्म हो जाएगा. हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि सभी राज्यों को उनकी जरूरत के मुताबिक पर्याप्त वैक्सीन मुहैया करवाई जा रही है.


कई जिलों खत्म हो जाएगा स्टॉक 


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महाराष्ट्र सरकार कहना है कि राज्य में कोरोना वैक्सीन का सिर्फ तीन दिनों का स्टाक बचा है. स्वास्थ्य विभाग में प्रिंसिपल सेक्रेटरी प्रदीप व्यास ने कहा कि बुधवार की सुबह 7 अप्रैल को राज्य के पास 14 लाख वैक्सीन की डोज हैं, लेकिन कल या परसों तक कई जिलों में वैक्सीन का स्टॉक खत्म हो जाएगा. केंद्र को इसकी जानकारी है और हम भी लिखित में ये बात बता चुके हैं. इसके साथ ही प्रदीप व्यास ने कहा कि महाराष्ट्र आसानी से हर दिन 5 लाख वैक्सीन शॉट्स लोगों को दे सकता है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि शेड्यूल और उपलब्धता को लेकर स्पष्टता हो. 


वैक्सीन की डिलीवरी की गति धीमी


महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि हमारे पास 14 लाख वैक्सीन की डोज हैं. हमने हर हफ्ते के हिसाब से 40 लाख और वैक्सीन डोज मांगी है. मैं ये नहीं कह रहा कि केंद्र हमें वैक्सीन की डोज नहीं दे रहा, लेकिन वैक्सीन की डिलीवरी धीमी गति से हो रही है.महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे का कहना है कि वैक्सीन की कमी होने से कई लोगों को वैक्सीन सेंटर्स से वापस भेजना पड़ रहा है.


इसके साथ ही राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि किसी को भी महामारी के इस समय में राजनीति नहीं करनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने ये अपील की थी और पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी इसे समर्थन दिया. प्रतिबंधों को लेकर विपक्ष को लोगों को नहीं उकसाना चाहिए कि वो इसका विरोध करें. अगर कहीं ढिलाई की जरूरत होगी, तो सरकार इस पर विचार करेगी. 


डॉ. हर्षवर्धन ने कही ये बात 


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री के दावों को खारिज करते हुए कहा कि सभी राज्यों को उनकी जरूरत के मुताबिक पर्याप्त वैक्सीन मुहैया करवाई जा रही है. 


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अब तक 82 लाख लोगों को लगाई जा चुकी है वैक्सीन


पिछले कुछ दिनों में राज्य में रोजाना करीब चार लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है. वहीं वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू होने के बाद अब तक 82 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा चुकी है. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, महाराष्ट्र को कोविड-19 वैक्सीन की 1.06 करोड़ डोज मिली हैं. इनमें से 88 लाख डोज दी गई हैं जबकि करीब 3 प्रतिशत कोरोना वैक्सीन डोज बर्बाद हुई है. 



इसके साथ ही बयान में यह भी कहा गया है कि जिस तरह महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं और वैक्सीनेशन ड्राइव को बढ़ाया जा रहा है. राज्य सरकार वैक्सीन डोज के और ज्यादा स्टॉक की मांग को जारी रखेगी. 


'25 साल से कम उम्र के लोगों को भी लगे वैक्सीन'


बता दें कि इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की थी कि 25 साल से कम उम्र के लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जाए. सीएम ठाकरे का कहना था कि इससे कोरोना वायरस को फैलने से रोकने में मदद मिलेगी क्योंकि ज्यादातर युवा काम को लेकर अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं और इससे संक्रमण के फैलने का खतरा है. 


प्रधानमंत्री को लिखी अपनी चिट्ठी में उद्धव ठाकरे ने कहा है कि महाराष्ट्र को 1.5 करोड़ एडिशनल वैक्सीन डोज की जरूरत है. इससे राज्य सरकार  6 जिलों में 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए वैक्सीनेशन ड्राइव को पूरा कर पाएगी. अगले तीन हफ्तों में राज्य सरकार की इन लोगों को वैक्सीन लगवाने की योजना है.



रोजाना कोरोना के 50 हजार केस


महाराष्ट्र में जैसे जैसे कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं वैसे ही वैक्सीन की मांग भी बढ़ती जा रही है. मंगलवार को महाराष्ट्र में एक दिन में 3 लाख 88 हजार 71 लोगों को वैक्सीन लगाई गई. महाराष्ट्र में अब तक 85 लाख 64 हजार 908 लोगों को वैक्सीन लग चुकी है और महाराष्ट्र कोरोना वैक्सीन लगाने में देश में सबसे आगे है, लेकिन राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे की चिंता इस बात को लेकर है कि अब सिर्फ 14 लाख वैक्सीन डोज ही बची है जो अगले तीन दिनों में खत्म हो जाएगी.


महाराष्ट्र सरकार की मांग है कि राज्य को हर हफ्ते 40 लाख डोज दिए जाएं. महाराष्ट्र में रोजाना करीब 50 हजार कोरोना के नए केस सामने आ रहे हैं.


नया स्ट्रेन बना चुनौती


स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे का कहना है कि ये शायद नया स्ट्रेन है जो कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर रहा है. इसकी जांच के लिए सैंपल नेशनल सेंटर फार डिज़ीज कंट्रोल को भेजे गए हैं. महाराष्ट्र सरकार का मानना है कि 20 से 40 की उम्र वर्ग के लोग सबसे ज्यादा बाहर जा रहे हैं, इसलिए इन सबका प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन होना चाहिए.


इसके लिए महाराष्ट्र को और ज्यादा वैक्सीन की जरूरत होगी. फिलहाल केंद्र की तरफ से इसकी मंजूरी तो नहीं मिली है, लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने ये भरोसा जरूर दिया है कि सभी राज्यों को उनकी जरूरत के मुताबिक, पर्याप्त वैक्सीन मुहैया करवाई जा रही है.


महाराष्ट्र सरकार भरोसा दे रही है कि मुंबई , पुणे , नागपुर , नासिक और अन्य शहरों मे बेड्स की संख्या बढ़ाई जा रही है. इसके साथ ही राज्य सरकार ऑक्सीजन सप्लाई पर्याप्त हो इसके लिए जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन का उपयोग करने वाली इंडस्ट्रीज को कुछ समय के लिए बंद करने और पड़ोसी राज्यों से भी ऑक्सीजन खरीदने पर विचार कर रही है. महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री की मांग है कि रेमडेसिविर की कीमत 1100 से 1400 रुपए तक तय की जाए और रोजाना 50 हजार डोज की जरूरत को देखते हुए सप्लाई बढ़ाई जाए.


हालांकि महाराष्ट्र सरकार भले ही तमाम दावे कर रही है लेकिन बढ़ते मरीजों के साथ ही अस्पतालों में वैक्सीन से लेकर बेड्स और ऑक्सीजन की कमी देखी जा रही है.


(इनपुट: भाषा से भी)