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मुंबई: एंटीलिया के बाहर विस्फोटक मिलने और मनसुख हिरेन केस में आरोपी मुंबई पुलिस के सस्पेंड API सचिन वझे (Sachin Vaze) को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने महाराष्ट्र के गृह विभाग को सचिन वझे को लेकर की गई इन्क्वायरी की रिपोर्ट सौंप दी है.
मुंबई पुलिस (Mumbai Police) की 5 पन्नों की रिपोर्ट में सचिन वझे (Sachin Vaze) की 9 महीने के कार्यकाल का लेखा-जोखा दिया गया है. इस रिपोर्ट के अनुसार, सचिन वझे को 8 जून 2020 को लोकल आर्म्स यूनिट में शामिल किया गया था, लेकिन अगले ही दिन 9 जून 2020 को सचिन वझे को तत्कालीन जॉइंट CP क्राइम ने CIU यूनिट में शामिल कर लिया.
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रिपोर्ट के मुताबिक जॉइंट CP क्राइम ने सचिन वझे (Sachin Vaze) की पोस्टिंग को तत्कालीन पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Param Bir Singh) के सिर्फ मौखिक तौर पर कहने पर ही करवाया था. इंस्पेक्टर विनय घोरपड़े और सुधाकर देशमुख को भी CIU यूनिट में ट्रांसफर किया गया था.
रिपोर्ट के मुताबिक सचिन वझे (Sachin Vaze) क्राइम ब्रांच के किसी भी बड़े अधिकारियों के बजाय सीधे तत्कालीन पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Param Bir Singh) को रिपोर्ट किया करता था. इस रिपोर्ट के मुताबिक तत्कालीन जॉइंट CP क्राइम ने सचिन वझे की नियुक्ति का विरोध किया था, लेकिन परमबीर सिंह के दबाव में उन्हें साइन करना पड़ा.
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