नई दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा है कि इस साल केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिलों के लिए कोई सामान्य प्रवेश परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी. आयोग ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीयूसीईटी) को शैक्षणिक सत्र 2022-2023 से लागू किया जा सकता है. 


कोरोना महामारी की वजह से फैसला


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यूजीसी ने अपने ट्वीट में लिखा कि वैश्विक संक्रामक कोरोना महामारी (Corona Pandemic) को देखते हुए, केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2021-22 के दौरान प्रवेश प्रक्रिया, पिछले अभ्यास क्रम के अनुसार जारी रखी जा सकती है. वहीं केंद्रीय विश्वविद्यालय सामान्य प्रवेश परीक्षा (CUET) अगले एकेडमिक सेशन 2022-23 से लागू किया जा सकता है. बता दें कि सीयूसीईटी का प्रावधान नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी किया गया है.



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30 अगस्त तक सत्र करें कंप्लीट


इससे पहले आयोग ने 16 जुलाई को नए शैक्षणिक दिशा-निर्देश जारी किए थे और विश्वविद्यालयों को 30 सितंबर तक स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों की प्रवेश प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कहा था. यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को 30 अगस्त तक अंतिम सेमेस्टर या अंतिम वर्ष की परीक्षाएं पूरी करने को भी कहा है.


राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020)  के अनुसार केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए सीयूसीईटी की सिफारिश की गई थी. तब तत्कालीन केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय रमेश पखरियाल निशंक ने स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय सामान्य प्रवेश परीक्षा के कार्यान्वन करने के लिए सात सदस्यीय समिति का गठन किया था. वहीं इसी परिकल्पना के तहत नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) हर साल कम से कम दो बार उच्च गुणवत्ता वाली सामान्य योग्यता परीक्षा, साथ ही विज्ञान, मानविकी, भाषा, कला और व्यावसायिक विषयों में विशेष सामान्य परीक्षा के आयोजन के लिए काम करेगी.


 


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