नई दिल्ली: वैसे तो डार्क वेब (Dark Web) पर डेटा (Data) लीक कोई नई बात नहीं है लेकिन जब ये लीक भारत में चल रहे विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान (Vaccination Drive) से जुड़ा हो तो सवाल उठना लाजमी है. ऐसा ही कुछ हुआ सोशल मीडिया पर जहां दावा किया जा रहा है कि भारत में वैक्सीन लगवाने वाले हजारों लोगों का डेटा CoWIN पोर्टल से लीक होकर डार्क वेब पर बिक रहा है. ऐसे में ज़ी मीडिया ने इस लीक की सच्चाई जानने की कोशिश की.


डार्क वेब पर कब लीक हुआ डेटा?


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हमारी टीम ने अपनी पड़ताल में सबसे पहले उस डार्क वेब वेबसाइट को खोला जहां इस डेटा को लीक किया गया था. वेबसाइट की छानबीन में सामने आया कि Hackzies नाम के यूजर ने वैक्सीन लगवाने वालों के डेटा को 15 जनवरी 2022 को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट पर डार्क वेब पर लीक कर दिया था. लीक हुए डेटा में दावा किया गया कि डेटा में वैक्सीन लगवाने वाले लोगों के मोबाइल नंबर, आधार कार्ड नंबर, पैन कार्ड नंबर, बैंक पासबुक नंबर और कुछ लोगों के सरकारी आइडेंटिटी कार्ड का नंबर है जिसे लोगों ने वैक्सीन लगवाने के लिए टीकाकरण केंद्र पर दिया था.


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जांच में सामने आई ये बात


उस लीक हुए डेटा की जब हमारी टीम ने छानबीन की तो सामने आया कि ये डेटा छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में टीका लगवाने वाले 8 हजार 685 लोगों का है और कुल 229 पन्नों के इस डेटा में महासमुंद जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के हस्ताक्षर भी हैं.


डार्क वेब पर बेचा गया डेटा


डार्क वेब पर डाले गए डेटा का Title 'COVID 19 टीकाकरण हेतु CoWIN Portal में अपलोड हितग्राहियों की सूची' है यानी Title से ही स्पष्ट होता है कि इस डेटा को कोविन पोर्टल (CoWIN Portal) पर अपलोड करने के लिए इकट्ठा किया गया था वो छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिला प्रशासन के डेटाबेस से लीक होकर डार्क वेब पर बिकने लगा था. ऐसे में ये साफ है कि डेटा CoWIN पोर्टल से लीक नहीं हुआ है.


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टीकाकरण करवाने वालों का डेटा डार्क वेब पर लीक होने पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कोविन पोर्टल से डेटा लीक होने की खबरों को गलत बताते हुए ट्वीट किया कि प्रथम दृष्टया लीक का ये मामला कोविन पोर्टल से लीक का नहीं लग रहा है. साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस मामले की जांच करने की बात भी कही.




छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में वैक्सीन लगवाने वाले जिन 8 हजार से ज्यादा लोगों का डेटा लीक होने का दावा किया जा रहा है उसमें महासमुंद जिले के पिथौरा, बागभरा, बासना, महासमुंद और सरायपाली ब्लॉक के कुल मिलाकर 8 हजार 685 लोग हैं.


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