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नई दिल्ली: कोरोना का ओमिक्रॉन वेरिएंट इस समय भारत समेत पूरी दुनिया में कोरोना के मामले बढ़ा रहा है. बीते कुछ महीनों में इस पर हुई स्टडी में सामने आया था कि इस वेरिएंट से संक्रमित लोगों में इम्युनिटी और एंटीबॉडी का लेवल दूसरे वेरिएंट के मुकाबले 11 गुना तक बढ़ रहा है जो कि भविष्य के कोरोना के वेरिएंट्स से लोगों को गम्भीर रूप से बीमार होने से बचाएगा. इन सबके बीच अमेरिका से आई एक स्टडी ने इम्युनिटी और एंटीबॉडी लेवल बढ़ने के तर्क को थोड़ा और साफ किया है.
अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को और बर्कले स्थित कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की टीम जिसमे नोबेल प्राइज विनर डॉ जेनफेर दौडना भी शामिल थीं. उन्होंने चूहों और इंसानों पर की गई अपनी स्टडी से दावा किया है कि अगर किसी व्यक्ति ने वैक्सीन की एक भी डोज नहीं ली है और उसे ओमिक्रॉन संक्रमण होता है तो उस व्यक्ति के शरीर में इम्युनिटी का स्तर नहीं बढ़ेगा. वहीं जिन लोगों ने वैक्सीन की दो डोज लगवाई हैं, उन्हें जब ओमिक्रॉन का संक्रमण हुआ उसके बाद उनके शरीर ने बड़ी मात्रा में एंटीबॉडी बनी हैं.
दिल्ली स्थित आकाश अस्पताल के स्वांस रोग विशेषज्ञ डॉ अक्षय बुद्धिराजा ने जी न्यूज से बातचीत करते हुए बताया कि अमेरिकी वैज्ञानिकों की ओर से की गई इस स्टडी से साफ है कि अगर किसी ने वैक्सीन नहीं लगवाई है तो ओमिक्रॉन से संक्रमित होने के बाद भी वह व्यक्ति कोरोना के आने वाले भविष्य के वेरिएंट्स के ना सिर्फ खतरे में रहेगा बल्कि भविष्य के वेरिएंट्स से वह व्यक्ति गम्भीर रूप से बीमार हो सकता है और अस्पताल में भर्ती होने की संभावना ज्यादा रहेगी.
वहीं जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज लगी हैं उन लोगों में ओमिक्रॉन से संक्रमित होने के बाद भविष्य में आने वाले कोरोना के वेरिएंट्स से गम्भीर रूप से बीमार होने का खतरा कम है क्योंकि उनमें इम्युनिटी लेवल कहीं ज्यादा है. ऐसे में वैक्सीन लगवाने वाले इन लोगों में कोरोना से लड़ने की शक्ति काफी बेहतर है और गम्भीर संक्रमण का खतरा सबसे कम है.
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अमेरिका से आई इस स्टडी पर इंटरनल मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ परिणीता कौर का कहना है कि उन्होंने कोरोना की दोनों डेल्टा और ओमिक्रॉन वाली वेव में देखा था जहां कोरोना से संक्रमित लोगों में जिन्होंने वैक्सीन लगवाई थी उन्हें गम्भीर लक्षण नहीं हुए क्योंकि उनकी बॉडी हाइब्रिड इम्युनिटी की वजह से कोरोना से लड़ने के लिए पहले से ही तैयार थी.
डॉ कौर के मुताबिक हाइब्रिड इम्युनिटी हमेशा से ही किसी संक्रमण से लड़ने का एक बेहद ही अच्छा सोर्स है. ऐसे में जिन लोगों को कोरोना हो चुका है वो यह सोच कर वैक्सीन नहीं लगवा रहे हैं कि उनके अंदर नेचुरल इम्युनिटी है तो यह गलत है.
भारत सरकार की ओर से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत के 1 करोड़ से ज्यादा लोग ऐसे हैं जिन्होंने अब तक वैक्सीन की एक भी डोज नहीं ली है. वहीं 6 करोड़ से ज्यादा लोग ऐसे हैं जिन्होंने वैक्सीन की दूसरी डोज अब तक नहीं ली है और वैक्सीन की दूसरी डोज ओवर ड्यू है. ऐसे में हमारी आपको यही सलाह है कि वैक्सीन कि दोनों डोज लगवाएं और खुद को कोरोना के आने वाले वेरिएंट्स से सुरक्षित रखें.
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