नई दिल्ली: राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा देश की आन-बान-शान का प्रतीक है. इसे पिंगली वेंकैया ने डिजाइन किया था. साल 1963 में आज ही के दिन पिंगली वेंकैया का निधन हो गया था. आखिरी समय में वो एक झोपड़ी में रहते थे. उनके जीवन का अंतिम समय बेहद गरीबी में बीता. पहली बार साल 2009 में उनके नाम पर डाक टिकट जारी किया गया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आंध्र प्रदेश में मछलीपट्टनम के गांव में पिंगली वेंकैया का जन्म 2 अगस्त 1876 को हुआ था. फिर 19 साल की उम्र में उन्होंने पिंगली ब्रिटिश आर्मी ज्वाइन की. इसके बाद पिंगली वेंकैया की मुलाकात महात्मा गांधी से दक्षिण अफ्रीका में हुई. बापू से प्रभावित होकर वो हमेशा के लिए भारत लौट आए. पिंगली वेंकैया ने स्वतंत्रता संग्राम में अपना अहम योगदान दिया.


गौरतलब है कि पिंगली वेंकैया ने तिरंगा झंडा बनाने से पहले 30 देशों के झंडों की स्टडी की थी. उन्होंने साल 1916 से लेकर 1921 तक इस पर रिसर्च की. इसके बाद उन्होंने तिरंगे का डिजाइन तैयार किया.


ये भी पढ़ें- पुण्यतिथि विशेष: जीवन को नई राह दिखाने वाले स्‍वामी विवेकानंद के 10 अनमोल विचार


साल 1921 में पिंगली वेंकैया ने केसरिया और हरे रंग का झंडा बनाकर तैयार किया. फिर लाला हंसराज ने इसमें चर्खा जोड़ दिया और गांधी जी ने इसमें सफेद पट्टी जोड़ने को कहा. भारतीय संविधान सभा की बैठक के दौरान 22 जुलाई 1947 को भारतीय राष्‍ट्रीय ध्‍वज तिरंगा को वर्तमान स्‍वरूप में अपनाया गया था.


ये भी देखें-