पुण्यतिथि विशेष: जीवन को नई राह दिखाने वाले स्‍वामी विवेकानंद के 10 अनमोल विचार
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पुण्यतिथि विशेष: जीवन को नई राह दिखाने वाले स्‍वामी विवेकानंद के 10 अनमोल विचार

स्वामी विवेकानंद के शिष्यों ने कहा था कि उन्होंने महासमाधि की अवस्था को प्राप्त कर लिया है.

स्‍वामी विवेकानंद | फाइल फोटो

नई दिल्ली: साल 1902 में आज ही के दिन पश्चिम बंगाल के बेलूर मठ में स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) का ध्यान-मुद्रा में निधन हो गया था, तब उनकी उम्र 39 वर्ष थी. स्वामी विवेकानंद के शिष्यों ने कहा था कि उन्होंने महासमाधि की अवस्था को प्राप्त कर लिया है. स्वामी विवेकानंद ने भारतीय वेद, योग और अध्यात्म को देश-विदेश में पहुंचाया और हिंदू धर्म का पूरी दुनिया में प्रचार-प्रसार किया.

स्वामी विवेकानंद का जन्म 1863 में आज ही के दिन कोलकाता में हुआ था. स्वामी विवेकानंद भारत की उन महान विभूतियों में से थे, जिन्होंने देश और दुनिया को मानवता के कल्याण का मार्ग दिखाया. उनके विचार आज भी प्रासांगिक बने हुए हैं. स्वामी जी के विचार किसी भी व्यक्ति की निराशा को दूर कर सकते हैं. उसमें आशा भर सकते हैं. प्रस्तुत हैं स्वामी जी के कुछ ऐसे ही विचार-

1. उठो और जागो और तब तक रुको नहीं जब तक कि तुम अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते.

2. आप जो भी सोचेंगे, आप वही हो जाएंगे. अगर आप खुद को कमजोर सोचेंगे तो आप कमजोर बन जाएंगे. अगर आप सोचेंगे की आप शक्तिशाली हैं तो आप शक्तिशाली बन जाएंगे.

3. एक विचार चुनिए और उस विचार को अपना जीवन बना लीजिए. उस विचार के बारे में सोचें और उस विचार के सपने देखें. अपने दिमाग, अपने शरीर के हर अंग को उस विचार से भर लें बाकी सारे विचार छोड़ दें. यही सफलता का रास्ता हैं.

4. एक नायक की तरह जिएं. हमेशा कहें मुझे कोई डर नहीं, सबको यही कहें कोई डर नहीं रखो.

5. ब्रह्मांड की सारी शक्तियां पहले से ही हमारे भीतर मौजूद हैं. हम ही मूर्खतापूर्ण आचरण करते हैं, जो अपने हाथों से अपनी आंखों को ढक लेते हैं और फिर चिल्लाते हैं कि चारों तरफ अंधेरा है कुछ नजर नहीं आ रहा है.

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6. अगर आप पौराणिक देवताओं में यकीन करते हैं और खुद पर यकीन नहीं करते हैं तो आपको मुक्ति नहीं मिल सकती है. अपने में विश्वास रखो और इस विश्वास पर खड़े हो जाओ, शक्तिशाली बनो, इसी की हमें जरूरत है.

7. ताकत ही जीवन है और कमजोरी मौत है.

8. एक समय में एक काम करो और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ.

9. तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता, कोई आध्यात्मिक नहीं बना सकता. तुमको सब कुछ खुद अंदर से सीखना है. आत्मा से अच्छा कोई गुरु नहीं है.

10. किसी दिन जब आपके सामने कोई समस्या ना आए, आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं.

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