Burari hospital: दिल्ली में बुराड़ी के अस्पताल में महिला कर्मचारियों से यौन उत्पीड़न का मामला तूल पकड़ने लगा है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने महिला कर्मचारियों के साथ छेड़छाड़ और उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए मुख्य सचिव को जांच समिति गठित करने का निर्देश दिया है. साथ ही उन्होंने भाजपा से सवाल किया कि क्या पार्टी मुख्य सचिव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करेगी.


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3 के खिलाफ केस दर्ज


पुलिस के मुताबिक, बुराड़ी सरकारी अस्पताल में अनुबंध के आधार पर सफाई कर्मचारी के रूप में काम करने वाली एक महिला ने अपने प्रबंधक और तीन पर्यवेक्षकों पर उसके और दो अन्य कर्मचारियों से छेड़छाड़ करने और उनका उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है. पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक महिला की शिकायत के आधार पर उसके प्रबंधक और अस्पताल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी उपलब्ध कराने वाली कंपनी के तीन पर्यवेक्षकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. उन्हें जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है.



दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र


दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मुख्य सचिव को लिखे एक आधिकारिक पत्र में कहा कि उन्हें सोशल मीडिया से पता चला है कि बुराड़ी अस्पताल में 'महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने और संविदा कर्मचारियों के यौन उत्पीड़न से संबंधित कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं' सामने आई हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने अपने पत्र में कहा, ‘हालांकि, ऐसा प्रतीत होता है कि दिल्ली पुलिस आरोपी व्यक्तियों के प्रति नरम रही है, जिससे सोशल मीडिया पर काफी आक्रोश फैल गया है. ऐसी घटनाओं को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. आपको यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है कि दोषियों के खिलाफ दिल्ली पुलिस द्वारा सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए.’


महिलाओं ने लगाए गंभीर आरोप


महिला ने अपनी शिकायत में दावा किया कि चारों आरोपियों ने 17 दिसंबर और 19 दिसंबर को उससे और दो अन्य महिला कर्मचारियों के साथ छेड़छाड़ की और उनका उत्पीड़न किया. एक अधिकारी ने बताया कि 17 दिसंबर को आरोपियों ने महिला से कथित तौर पर छेड़छाड़ की और 19 दिसंबर को उन्होंने धमकी दी कि अगर वह उनकी अनुचित मांगों पर सहमत नहीं हुई तो वे उन्हें बर्खास्त कर देंगे. भारद्वाज ने इस मामले में स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में एक जांच समिति के गठन का निर्देश दिया है.


गंभीर धाराओं में केस दर्ज


स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘उन्हें 24 घंटे में प्रारंभिक रिपोर्ट देनी होगी जबकि अंतिम रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर जमा करनी होगी. दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त सजा की संस्तुति की जानी चाहिए. कृपया इस पत्र की प्राप्ति के छह घंटे के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट जमा करें.’ मंत्री ने कहा कि उन्हें पता चला है कि आउटसोर्सिंग कंपनी ने आरोपी पर्यवेक्षकों और प्रबंधकों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं. उन्होंने कहा, 'हालांकि, दोषी पाए जाने पर कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी सुनिश्चित की जानी चाहिए.' पुलिस ने कहा कि इस सिलसिले में भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 354, 506 और 509 के तहत 19 दिसंबर को बुराड़ी पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया था.


(एजेंसी इनपुट के साथ)