पराली नहीं जलाने वाले किसानों के लिए हवाई यात्रा सहित दार्शनिक स्थलों के टूर का ऑफर
किसानों के लिए निकाले गए इस ऑफर के पीछे के उददेश्य का जिक्र करते हुए सरपंच सोमेश का कहना है कि वो राज्यसभा सांसद डॉ सुभाष चंद्रा से खासे प्रभावित है.
हिसार: अक्तूबर-नवंबर में पराली जलाने के मामले सामने आने के बाद स्मॉग और धुएं का कहर दिल्ली व हरियाणा, पंजाब के कई इलाकों पर दिखता है. इस ठिकरा दिल्ली की तरफ से हरियाणा और पंजाब के किसानों के सिर फोड़ा जाता है. पराली को जलाने से रोकने के लिए आपने सरकार की तरफ से चलाए जाने वाले कैंपेन के बारे में सुना होगा. लेकिन आज हम आपको एक अनोखे कैंपेन के बारे में बताएंगे, ये कैंपेन सरकार नहीं बल्कि हरियाणा के एक गांव के सरपंच द्वारा अपने स्तर पर चलाया गया है.
इसके तहत ग्रामीण किसानों को हवाई जहाज की यात्रा करवाने जैसे ऑफर दिए गए है.
ऑफर देने वाले सरपंच का कहना है कि उन्हें यह यूनिक आइडिया राज्यसभा सांसद डॉ सुभाष चंद्रा के डीएससी शो को देख कर आया है. हिसार के अग्रोहा धाम की ये तस्वीर देखिए. तस्वीर में धाम का अवलोकन करने वाला 15 सदस्यीय यह जत्था हरियाणा के चरखीदादरी के गांव घिकाड़ा के किसानों का है. ये वो किसान है, जो पहले पराली जलाते थे, लेकिन गांव के सरपंच सोमेश के विशेष अभियान का ये ग्रामीण हिस्सा बने और इस बार इन्होंने पराली नहीं जलाई.
सरपंच सोमेश ने बताया कि किसानों को पर्यावरण के प्रति सजग करने के उददेश्य ये इस बार गांव के किसानों के लिए विशेष ऑफर निकाला था. इसके तहत सोमेश ने कैंपेन चलाते हुए ऐलान किया था कि गांव का जो किसान पराली नहीं जलाएगा उसे सोमेश हवाई यात्रा का सफर करवाएंगे, इसके अलावा देश के दार्शनिक स्थलों का भ्रमण भी करवाएंगे.
सरपंच सोमेश ने ये दिया ट्रिप में
अग्रोहा धाम भ्रमण और महाराजा अग्रसेन और कुलदेवी मां लक्ष्मी के दर्शन
पंजाब के फिरोजपुर जिले में हुसैनीवाला बॉर्डर पर भारतीय सीमा सुरक्षा बल की परेड देखने का मौका
अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के दर्शन एवं भ्रमण
पंजाब के बठिंडा से जम्मू कश्मीर का हवाई यात्रा से सफर
जम्मू में किसानों की राज्यपाल से मुलाकात
माता वैष्णों देवी के दर्शन और फिर गांव में वापसी
अग्रोहा धाम का किया अवलोकन
सरपंच सोमेश के नेतृत्व में यह यात्रा शुरू हो गई है, इसी के तहत यह जत्था हिसार के प्राचीन स्थल और महाराजा अग्रसेन की राजधानी के प्रतीक रहे अग्रोहा धाम में पहुंच गया है. 15 सदस्यीय किसानों के दल ने इस बीच अग्रोहा धाम का अवलोकन किया, माता कुलदेवी के दर्शन किए और धाम की अन्य गतिविधियों में भी भाग लिया. किसान इस यात्रा से खासे खुश नजर आएं. जत्थे में शामिल किसान सुरेंद्र सिंह,नवीन कुमार और कुलबीर का कहना था कि धाम में पहुंचने पर काफी अच्छा लगा, यहां धाम के अलग-अलग स्थानों का अवलोकन किया है. उन्होंने कहा कि पहले वो पराली जलाते थे, लेकिन सरपंच की मुहिम के साथ वो जुड़े और अब यात्रा के लिए निकले है.
सोमेश बोेले, राज्यसभा सांसद डॉ सुभाष चंद्रा से मिली प्रेरणा
किसानों के लिए निकाले गए इस ऑफर के पीछे के उददेश्य का जिक्र करते हुए सरपंच सोमेश का कहना है कि वो राज्यसभा सांसद डॉ सुभाष चंद्रा से खासे प्रभावित है. उन्होंने बताया कि राज्यसभा सांसद डॉ सुभाष चंद्रा के प्रसारित होने वाले डॉ सुभाष चंद्रा शो से उन्हें कुछ हटकर करने की प्रेरणा मिली थी. सोमेश का कहना था कि वो पराली से होने वाले प्रदूषण को लेकर काफी चिंतित थे, कैंपेन चलाया और उस दौरान जब वो ग्रामीणों से बातचीत कर रहे थे तो उपर से जहाज गुजरे.
किसान उपर आसमान की तरफ उन्हें देखने लगे, उसी वक्त सोमेश ने किसानों को ऑफर दे दिया कि वो अगर पराली नहीं जलाएंगे, तो उन्हें वो जहाज का सफर अपनी तरफ से करवा देंगे. सोमेश ने तर्क दिया कि डॉ चंद्रा का हमेशा यहीं कहना होता था कि कुछ हटके करों, उसी बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने इस बात की सोची और इसे पूरा करने निकल पड़े.
2 लाख का खर्च आया, बोले सरकार करे ग्राउंड पर काम
किसानों के लिए सरपंच सोमेश द्वारा शुरू की गई, इस ट्रिप पर सोमेश का करीब 2 लाख रुपये खर्च आ गया है. हवाई यात्रा के लिए टिकट भी बुक हो गए है. सोमेश का कहना है कि सरकार अपने स्तर पर भले ही अभियान चला रही हो, लेकिन जब तक ग्राउंड पर किसानों से सरकार का जुड़ाव नहीं होगा, तब तक पराली की समस्या का निदान नहीं हो सकता.
आस-पास के ग्रामीणों को करेंगे जागरूक
भ्रमण के लिए अग्रोहा पहुंचे किसान खासे खुश नजर आएं. इन किसानों में बुजुर्ग और युवां भी है. किसान रामकुमार प्रजापत और युवां किसान आशीष ने कहा कि पहले उनके गांव में पराली जलाई जाती थी, लेकिन अब इस प्रकार के अभियान और यात्रा वाले ऑफर के बाद दूसरे किसान भी प्रेरित होंगे. किसानों ने विश्वास जताया है कि वो अब अपने नजदीक के गांवों के किसानों को भी पराली ना जलाने के लिए प्रेरित करेंगे.
धान निकलवाने के बाद किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए सरकार हर बार अभियान चलाती है, ऐसे उपकरण भी देती है ताकि पराली को जलाया ना जाएं और इसे दूसरे कामों में उपयोग लाया जा सके. लेकिन बावजूद इसके किसान बाज नहीं आते, और हरियाणा, पंजाब के खेतों में पराली में आग लगने के बाद हर बार प्रदूषण के स्तर में इजाफा नजर आता है. ऐसे में उम्मीद करते है कि सोमेश की इस मुहिम से हरियाणा, पंजाब के अन्य ग्रामीण इलाकों के सरपंच भी प्रेरणा लेंगे और अपने-अपने इलाकों में किसानों को पराली ना जलाने के प्रति जागरूक करेंगे.