नई दिल्ली: चार दिन पहले जब दिल्ली हिंसा (Delhi Violence) के दौरान चांदबाग इलाके में इंटेलीजेंस ब्यूरो यानी आईबी में काम करने वाले अंकित शर्मा (Ankit sharma) की हत्या की खबर आई तो हर कोई हैरान था. दंगाइयों ने अंकित को मारकर उनके शव को नाले में डाल दिया. पूरा परिवार सदमे में है. अंकित के भाई ने ही ज़ी न्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ सुधीर चौधरी (Sudhir Chaudhary) से बातचीत में सबसे पहले AAP पार्षद ताहिर हुसैन पर अंकित की हत्या का आरोप लगाया था. अंकित शर्मा के भाई अंकुर शर्मा ने रविवार को अपना दर्द साझा करते हुए अंकित के हत्यारों का पूरा सच बताया. 


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अंकुर शर्मा ने कहा, "ताहिर हुसैन को जल्द से जल्द गिरफ्तार करके जेल भेजा जाए. उसे सख्त से सख्त सजा दी जाए. हमारे भाई को शहीद का दर्जा दिया जाए. हमारा परिवार इस बात से ज्यादा नाराज है कि हमारे भाई एक सरकारी कर्मचारी था, लेकिन उसे शहीद का दर्जा नहीं दिया जा रहा." 
  
यह पूछे जाने पर क्या दिल्ली की ओर किसी नेता ने आपके परिवार से मुलाकात की? इस पर अंकुर ने कहा, "दिल्ली सरकार की ओर से कोई अधिकारी हमारे घर नहीं पहुंचा. मेरे भाई को शहीद का दर्जा मिलेगा या नहीं, इस पर हमें कोई जवाब नहीं मिला. हम चाहते हैं कि हमें जल्द से जल्द इंसाफ मिले." 


अंकित पर किए गए 400 वार पर अंकुर ने कहा, "जिसने भी यह जघन्य अपराध किया है, शायद उन्हें पता लग गया होगा कि मेरा भाई आईबी ऑफिसर है. इसलिए यह क्रूरतापूर्ण व्यवहार किया है. उसकी आंख, नाक, कान काटा हुआ था. उसका गला काटा हुआ था. उसके शरीर को तहस-नहस किया हुआ था. आतंकवादी भी किसी को इस तरह से नहीं मारता." 


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अमन का पैगाम लेकर पहुंचे थे अंकित   
अमन का पैगाम लेकर पहुंचे अंकित के साथ कितनी क्रूरता और बेरहमी की गई, उसे आप उनकी पोस्टमॉर्टम में रिपोर्ट से समझिए. उनके पूरे शरीर को चाकुओं से गोदा गया था. शरीर के हर हिस्से पर चाकुओं से वार किया गया था. चाकू के हमले से आंतें बाहर आ गई थीं. अंकित शर्मा के शव का पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर ने भी कहा कि उन्होंने आज तक किसी के शरीर पर इतना जख्म नहीं देखा था. अंकित शर्मा का शव 26 फरवरी को चांदबाग नाले से बरामद हुआ था. शव इतनी बुरी हालत में था कि परिवार का दिल भी शव से कांप गया. 


अंकित शर्मा के परिवार का दावा है कि 25 फरवरी की शाम दंगाइ अंकित को खींचकर इसी घर में ले गए और बर्बरता के साथ अंकित की हत्या कर दी । अंकित के परिवार ने FIR में भी पार्षद ताहिर हुसैन का नाम दर्ज करवाया है. अंकित के पिता ने FIR में क्या लिखवाया कि 'पहचान छिपाने के लिए मेरे बेटे अंकित के चेहरे को जलाया गया था. मुझे यकीन है कि ताहिर और उसके लोगों ने मेरे बेटे की हत्या की है. अंकित की हत्या के बाद शव को मस्जिद से नाले में फेंका गया." 
  
अंकित के हत्या के सबूत तलाशने के लिए फॉरेंसिक जांच की टीम दिल्ली के चांद बाग इलाके में पहुंची थी. फॉरेंसिक टीम ने ताहिर के घर की बारीकी से जांच की थी. ताहिर के खिलाफ भी हत्या का केस दर्ज हो चुका है लेकिन उनके परिवार को अब भी इंसाफ का इंतजार है.