नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट में शपथपत्र देकर कहा कि 2017 में गोवा विधानसभा चुनावों के दौरान अरविंद केजरीवाल की कथित रिश्वत संबंधी टिप्पणियों के लिए उनकी पार्टी ‘आप’ की मान्यता रद्द करने सहित कोई भी कार्रवाई करने से पहले उन्हें नोटिस भेजा जाएगा.


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न्यायमूर्ति योगेश खन्ना ने आयोग के बयान को रिकॉर्ड में लिया और केजरीवाल के उस आवेदन को निपटाया जिसमें चुनाव आयोग को उसके 21 जनवरी 2017 के निंदा आदेश के आधार पर उनके या उनकी पार्टी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया.


आयोग ने जनवरी 2017 के अपने आदेश में कहा था कि अगर भविष्य में उन्होंने इस तरह की कोई टिप्पणी की तो वह उनके तथा उनकी पार्टी के खिलाफ कार्रवाई करेगी.



आयोग के वकील ने गुरुवार को कहा कि चुनाव चिन्ह (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश के पैरा 16ए के तहत पार्टी के खिलाफ कोई कार्रवाई से पहले आप संयोजक को पहले से नोटिस भेजा जाएगा.


चुनाव चिन्ह आदेश के तहत, चुनाव आयोग के पास आदर्श आचार संहिता, चुनाव आयोग के कानूनी निर्देशों का पालन नहीं करने पर किसी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल की मान्यता वापस लेने या इसे निलंबित करने की शक्ति है.


गौरतलब है कि केजरीवाल ने 7-8 जनवरी 2017 को गोवा में कई रैलियों में मतदाताओं से ‘‘भाजपा और कांग्रेस से पैसे लेने लेकिन वोट आम आदमी पार्टी को देने को’’ कहा था.