Cancer Patient महिला Covid मरीजों को पहुंचाती है अस्पताल, नहीं है खुद की जान की परवाह
कोरोना काल में मरीजों और जरूरतमंदों की मदद के लिए कई लोग और संगठन दिन-रात काम कर रहे हैं. इनमें दिल्ली की एंबूलेंस ड्राइवर ट्विंकल कालिया भी एक हैं, जो खुद कैंसर की मरीज होने के बाद भी कोविड मरीजों को अस्पताल पहुंचा रही हैं.
नई दिल्ली: दिल्ली में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच सारी व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं. अस्पताल में बेड नहीं है. ऑक्सीजन की किल्लत हो रही है. कई मरीजों को तो दवाइयां तक नहीं मिल पा रही है. ऐसे हालात के बीच एक ऐसी महिला भी है जिसका जज्बा सलाम करने लायक है. 37 साल की ट्विंकल कालिया खुद कैंसर से पीड़ित (Cancer Patient) हैं लेकिन वह अपनी जान की परवाह किए बिना कोविड मरीजों (Covid Patients) की मदद कर रही हैं.
8 हजार मरीजों को पहुंचा चुकी हैं अस्पताल
ट्विंकल कालिया एम्बुलेंस चलाती हैं और वह कोविड मरीजों को फ्री में अस्पताल पहुंचने का काम कर रही हैं. इसके अलावा वे श्मशान घाट तक शव ले जाने का काम भी कर रही हैं. शहीद भगत सिंह हेल्प एंड केयर फॉर सोसाइटी की सेवक ट्विंकल ने बताया है कि जब से कोरोना शुरू हुआ है तब से रोजाना कई कॉल आते हैं. कोरोना की दूसरी लहर में ही वे करीब 250 मरीजों को अस्पताल पहुंचा चुकी हैं और 120 का अंतिम संस्कार कर चुकी हैं. अब तक कुल 8 हजार से ज्यादा मरीजों को उन्होंने अस्पताल पहुंचाया है.
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ब्रेस्ट कैंसर का चल रहा है इलाज
ट्विंकल को ब्रेस्ट कैंसर है और उनका इलाज चल रहा है. लिहाजा कई लोग उनको आराम करने और अपनी जान जोखिम में न डालने की सलाह देते हैं. हालांकि उनका परिवार उन्हें बहुत सपोर्ट करता है. उनके पति हिमांशु कालिया भी एम्बुलेंस ड्राइवर हैं. काम के दौरान ट्विंकल अपना भी ख्याल रखती हैं. वह पीपीई किट पहनती हैं और बार-बार अपनी एम्बुलेंस को सेनिटाइज करती हैं, जिससे खुद को संक्रमण से बचा सकें.
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री कर चुके हैं सम्मानित
ट्विंकल के इस जज्बे को देखकर जहां हर कोई उनकी तारीफ किए बिना नहीं रहता, वहीं राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री भी उन्हें इस काम के लिए सम्मानित कर चुके हैं. ट्विंकल को विश्वास है की वो दिन जरूर आएगा जब हम कोरोना से जंग जीत जाएंगे.