नई दिल्ली: दिल्ली की अदालत ने गुरुवार को 3,600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंट धनशोधन मामले में राजीव सक्सेना को मजिस्ट्रेट के समक्ष दो मार्च को अपना बयान दर्ज कराने का निर्देश दिया. राजीव ने इस मामले में वायदामाफ गवाह बनने के लिए याचिका दाखिल की है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने सक्सेना की याचिका दो मार्च को बयान दर्ज कराने के लिये मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में भेज दी है. इससे पहले, सक्सेना ने अदालत से कहा था कि सहयोग नहीं करने का उनका कोई इरादा नहीं है और इस चरण में यह तर्कसंगत है कि वह अपनी गवाही निष्पक्ष तरीके से दें.


न्यायाधीश ने उनसे पूछा, क्या आप जानते हैं कि वायदामाफ गवाह बनने के बाद भी आप सजा से नहीं बच सकें. सक्सेना ने इसका सकारात्मक जवाब दिया. सक्सेना ने अदालत से कहा कि मैंने काफी सेाच विचार किया है और मुझे यकीन है कि मामले में मेरा खुलासा न्यूनतम है... मेरा सहयोग नहीं करने का कोई इरादा नहीं है और इस चरण में यह तर्कसंगत है कि मैं अपनी गवाही निष्पक्ष तरीके से दूं.


सक्सेना ने आगे कहा कि उन्होंने अपनी मर्जी से और मामले को ठीक प्रकार से समझते हुए वादा माफी गवाह बनने का निर्णय लिया है. उन्हें न तो किसी प्रकार का कोई आश्वासन दिया गया है और न ही उन्होंने किसी से कोई आश्वासन लिया है.


गौरलतब है कि अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर खरीद के 3,600 करोड़ रुपये से जुड़े धन शोधन मामले में आरोपी राजीव सक्सेना ने बुधवार को दिल्ली की एक अदालत में याचिका देकर सरकारी गवाह बनने की इच्छा जताई थी. सक्सेना को दुबई से भारत भेजे जाने के बाद 31 जनवरी को हिरासत में लिया गया था. इस समय वह स्वास्थ्य कारणों से जमानत पर हैं. 


अदालत ने सक्सेना को जमानत देने से पहले एम्स के चिकित्सकों से उनके स्वास्थ्य के बारे में एक रिपोर्ट मांगी थी. एम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि सक्सेना रक्त कैंसर सहित कई बीमारियों से ग्रस्त हैं और उन्हें लगातार चिकित्सीय जांच की जरूरत है.


(इनपुट-भाषा)